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भारत और उज्बेकिस्तान के बीच इतिहास और विरासत के गहरे संबंध हैं : लोक सभा अध्यक्ष

लोक सभा अध्यक्ष ने की उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ वार्ता 

नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं और दोनों देश एससीओ, संयुक्त राष्ट्र और ब्रिक्स जैसे विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर एक दूसरे के सहयोगी रहे हैं । उन्होंने पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, नवीकरणीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया।

लोक सभा अध्यक्ष ने अंतर-संसदीय संघ की 150वीं सभा के अवसर पर ताशकंद में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जीयोयेव के साथ हुई बैठक में ये टिप्पणियां कीं। भारत की प्राचीन लोकतांत्रिक परंपराओं का उल्लेख करते हुए लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि संविधान के मार्गदर्शन में भारत ने निरंतर अपने लोकतांत्रिक मूल्यों का विस्तार किया है और सामाजिक समावेशन को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी ग्राम परिषदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित कर जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत किया है।

लोक सभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भारत “वसुधैव कुटुम्बकम” (विश्व एक परिवार है) और “सर्वजन हिताय” (सभी का कल्याण) के मूल्यों में विश्वास करता है और ये मूल्य भारतीय परंपरा का अटूट हिस्सा रहे हैं । भारत का संविधान भी इन्हीं मूल्यों से प्रेरित है। इस बात का उल्लेख करते हुए कि पिछले वर्ष भारत में संविधान के 75 वर्ष पूरे हुए हैं, श्री बिरला ने कहा कि भारत की संसद द्वारा पारित कई परिवर्तनकारी क़ानूनों ने सामाजिक-आर्थिक बदलावों को मूर्त रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । इस संबंध में, श्री बिरला ने बताया कि नए संसद भवन में पहले कानून के रूप में “नारी शक्ति वंदन अधिनियम” लाकर भारत ने न केवल अपनी प्रतिबद्धता दोहराई बल्कि विधानमंडलों में महिलाओं का अधिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया।

भारत-उज्बेकिस्तान संबंधों का उन्नयन कर इसे रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिए जाने और बीते कुछ वर्षों में इसमें नए आयाम जोड़े जाने के बारे में बात करते हुए श्री बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों में अर्थव्यवस्था, रक्षा, शिक्षा तथा व्यापार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है। उन्होंने कहा कि भारत अब उज्बेकिस्तान के 10 सबसे बड़े व्यापार सहयोगियों में से एक है। श्री बिरला ने साझा हितों पर विचारों के आदान-प्रदान तथा दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों संसदों के बीच संसदीय सहयोग बढ़ाने के महत्व पर भी बात की। उन्होंने दोनों देशों के संसदीय अधिकारियों को एक-दूसरे की प्रणालियों तथा सर्वोत्तम प्रथाओं को बेहतर ढंग से समझने के लिए संसदीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा।

इसके अलावा लोक सभा अध्यक्ष ने उज्बेकिस्तान में भारतीय संस्कृति, विशेष रूप से संगीत, नृत्य तथा योग में बढ़ती रुचि तथा उज्बेक शैक्षणिक संस्थानों में भारतीय छात्रों की बढ़ती संख्या की बात भी की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस बैठक से भारत तथा उज्बेकिस्तान के बीच राजनयिक तथा संसदीय संबंधों में नई ऊर्जा का संचार होगा और दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग का नया अध्याय लिखा जाएगा । लोक सभा अध्यक्ष और भारतीय शिष्टमंडल के सदस्यों ने ताशकंद में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। लोक सभा अध्यक्ष ने अंतर संसदीय संघ की 150वीं सभा की सफल मेजबानी के लिए उज्बेकिस्तान को बधाई दी

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अंतर संसदीय संघ की 150वीं सभा के अवसर पर ताशकंद में उज्बेकिस्तान की ओली मजलिस की चेयरपर्सन महामहिम  तंजिला नोरबायेवा से भी मुलाकात की। उन्होंने चेयरपर्सन को सभा की सफल मेजबानी के लिए बधाई देते हुए भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के आदर-सत्कार के लिए आभार व्यक्त किया । विभिन्न क्षेत्रों में उज्बेकिस्तान द्वारा की जा रही प्रगति का उल्लेख करते हुए, ओम बिरला ने भारत और उज्बेकिस्तान के मजबूत हो रहे राजनयिक संबंधों के बारे में बात की । ओम बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंध हैं तथा एससीओ, यूएन और ब्रिक्स जैसे विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर दोनों देशों एक दूसरे के साथ सहयोग करते आए हैं । श्री बिरला ने पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ डिजिटल प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इन्टेलिजन्स, नवीकरणीय ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया।

लोक सभा अध्यक्ष बिरला ने विशेष रूप से उज़्बेकिस्तान की संसद में महिलाओं की भागीदारी का उल्लेख करते हुए लोकतंत्र और सामाजिक समावेशन के क्षेत्र में उज्बेकिस्तान की उपलब्धियों की सराहना की । उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि दोनों देशों के बीच संसदीय सहयोग बढ़ाने से सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जा सकता है। लोक सभा अध्यक्ष ने भारत की फिनटेक और रियल टाइम पेमेंट सिस्टम्स का उपयोग करते हुए पर्यटन के क्षेत्र में आपसी संबंधों को मजबूत बनाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने उज्बेकिस्तान में भारतीय संस्कृति की बढ़ती लोकप्रियता और विशेषकर शैक्षिक आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के लोगों के बीच सुदृढ़ हो रहे संबंधों के बारे में भी बात की । लोक सभा अध्यक्ष ने भारत और इजराइल की संसदों के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया

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