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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का ‘आस्था पथ’, 4,560 करोड़ की लागत से धर्मार्थ मार्गों का होगा कायाकल्प

लखनऊ। उत्तर प्रदेश, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत के लिए विश्व विख्यात है, अब धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक नए युग की ओर अग्रसर है। योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत, प्रदेश के ऐतिहासिक, पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व वाले स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों का कायाकल्प करने के लिए 4,560 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं के लिए सुगम और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है, बल्कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर और भी मजबूती से स्थापित करना है। सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश है कि प्रदेश में आस्था व विरासत से जुड़े स्थलों का सौदर्यीकरण, जीर्णोद्धार व सुदृढ़ीकरण प्रदेश सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में शुमार है।
अयोध्या, वाराणसी, मथुरा, चित्रकूट, प्रयागराज, नैमिषारण्य और मीरजापुर समेत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित पवित्र स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों का सुदृढ़ीकरण और सौंदर्यीकरण इस योजना का मुख्य आधार है। इन प्रमुख ऐतिहासिक, पौराणिक व विशेष आध्यात्मिक महत्व वाले धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और नवनिर्माण की प्रक्रिया को वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रमुख वरीयता पर रखा गया है। लोकनिर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार प्रदेश में 272 कार्यों को पूरा करने की योजना रखी गई है, जिसमें 4,560 करोड़ रुपए की धनराशि खर्च की जाएगी। इन कार्यों को लोकनिर्माण विभाग तथा धर्मार्थ कार्य विभाग के आपसी समन्वय से पूरा किया जाएगा।

धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा स्वीकृत मार्गों का होगा मेकओवर
लोकनिर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार, प्रदेश भर में प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले मार्गों के सुदृढ़ीकरण के जो कार्य चयनित हुए हैं उन्हें धर्मार्थ कार्य विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा स्वीकृत किया जाता है। इसी के जरिए वरीयता के आधार पर उन मार्गों के विकास, नवनिर्माण व सुदृढ़ीकरण को पहले वरीयता दी जाती है जो सबसे ज्यादा फुटफॉल वाले मार्ग होते हैं। कार्ययोजना क्रियान्वित होने पर श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों को उत्तम यातायात सुविधाओं का लाभ मिलेगा। इससे उनकी यात्रा अवधि में कटौती होगी और यात्रा सुविधाजनक, सुरक्षित व सुव्यवस्थित बनाने में मदद मिलेगी।

5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आवागमन वाले मार्गों को वरीयता
वित्तीय वर्ष 2025-26 में लोकनिर्माण विभाग द्वारा क्रियान्वित की गई कार्ययोजना के अनुसार धर्मार्थ मार्गों के विकास व सुदृढ़ीकरण के कुल 272 कार्यों को पूरा करने की योजना है। खास बात यह है कि इस प्रक्रिया में मुख्यतः उन मार्गों को सम्मिलित किया गया है जिनके जरिए प्रति वर्ष औसतन 5 लाख श्रद्धालुओं का आवागमन होता है। इन सभी मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण नवनिर्माण और विकास के लिए तैयार खाके के अनुसार यहां विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूरा किया जाएगा जिसमें पैचवर्क, फुटपाथ, कैरियज-वे का सुदृढ़ीकरण, लेन मार्किंग, मुख्य मार्गों का चौड़ीकरण, सौंदर्यीकरण, विस्तारीकरण, उत्तम यातायात प्रबंधन तथा सड़क सुरक्षा के मानकों को बढ़ावा देने के विभिन्न कार्यों को पूरा किया जाएगा। कार्ययोजना में उन धर्मार्थ मार्गों को भी विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है जिनमें यथासंभव भूमि अधिग्रहण की जरूरत न पड़े।

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