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उत्तर प्रदेश

यूपी के विभिन्न जिलों में इस्तेमाल की जाएंगी महाकुम्भ मेले के सेंट्रल हॉस्पिटल में उपयोग में लाई गईं मशीनें

लखनऊ/प्रयागराज। महाकुम्भ मेले में इस्तेमाल की गई विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं अब प्रदेशभर के मरीजों के इलाज में काम आएंगी। प्रयागराज के सेंट्रल हॉस्पिटल में प्रयुक्त उन्नत चिकित्सा उपकरणों को अब यूपी के विभिन्न जिलों के अस्पतालों में भेजने की तैयारी चल रही है। यहां के सेंट्रल हॉस्पिटल के माध्यम से मेले के दौरान 07 लाख से अधिक मरीजों ने स्वास्थ्य लाभ लिया। यूपी के विभिन्न जिलों में महाकुम्भ मेले के सेंट्रल हॉस्पिटल की एक-एक मशीनें इस्तेमाल की जाएंगी। डिमांड के हिसाब से उपकरणों की सप्लाई की जाएगी। इसके लिए जिलों के सीएमओ को अप्लाई करना होगा। तब जाकर मशीनें भेजी जाएंगी।

प्रयागराज के एडी हेल्थ डॉ राकेश शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ के दौरान प्रयागराज के परेड ग्राउंड में 100 बेड का हाईटेक सेंट्रल हॉस्पिटल स्थापित किया गया। जिसमें अत्याधुनिक आईसीयू, डेंटल, आर्थोपेडिक, स्त्री एवं शिशु रोग विशेषज्ञों की सेवाएं यहां आने वाले श्रद्धालुओं को उपलब्ध थीं। मेला समाप्त होने के बाद अब यहां के बेड समेत तमाम उपकरणों को प्रदेश के अन्य जिलों तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है। जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) अपनी आवश्यकताओं के अनुसार उपकरणों की मांग करेंगे। जिसके बाद प्रयागराज के कमिश्नर के अनुमोदन पर उनकी आपूर्ति होगी।

महाकुम्भ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि महाकुम्भ मेले के दौरान 100 बेड के सेंट्रल हॉस्पिटल के अलावा 25 बेड के दो सब-सेंट्रल हॉस्पिटल, 20-20 बेड के आठ सेक्टर हॉस्पिटल और 20 बेड के दो संक्रामक रोग अस्पताल भी स्थापित किए गए। इनके साथ ही 10 फर्स्ट एड पोस्ट भी संचालित हुए। इन सभी चिकित्सा इकाइयों में प्रयुक्त उपकरणों को अब प्रदेश के विभिन्न जिलों में पहुंचाकर वहां के मरीजों को आधुनिक चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाएगी।

महाकुम्भ के सेंट्रल हॉस्पिटल में 10 बेड का एक अत्याधुनिक आईसीयू तैयार किया गया। जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सक्षम उपकरणों का इस्तेमाल हुआ। मरीजों की निगरानी के लिए आईसीयू में एआई इनेबल्ड कैमरे लगाए गए थे। जो मरीज की स्थिति को लगातार मॉनिटर कर डॉक्टर को अलर्ट कर सकते थे। अब यह सुविधा प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी उपलब्ध कराई जाएगी।

सेंट्रल हॉस्पिटल में मरीजों की भाषा संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए एक विशेष हाईटेक माइक का प्रयोग किया गया। यह 22 क्षेत्रीय और 19 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं को पलक झपकते ही हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद कर सकता है। इससे डॉक्टरों और मरीजों के बीच संवाद आसान हो गया। यह अनूठी तकनीक अब प्रदेश के अन्य अस्पतालों में भी इस्तेमाल की जा सकेगी।

इस कदम के जरिए यूपी सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल और आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। महाकुम्भ में इस्तेमाल की गई अत्याधुनिक चिकित्सा तकनीक अब प्रदेशभर के मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने में मदद करेगी।

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