Connect with us

उत्तर प्रदेश

उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रोल मॉडल बने एमजीयूजी : सीएम योगी

 

गोरखपुर। मुख्यमंत्री एवं महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने विश्वविद्यालय के फैकल्टी का आह्वान किया है कि वे समयानुकूल शिक्षण पद्धतियों को अपनाते हुए विद्यार्थियों के भविष्य को स्वर्णिम बनाने के लिए पूर्ण मनोयोग से जुट जाएं। इस विश्वविद्यालय में संसाधनों की कोई कमी नहीं है। स्थापना के अल्प समय में ही यह रोजगारपरक शिक्षण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित हुआ है। अब लक्ष्य यह होना चाहिए कि यह विश्वविद्यालय प्रदेश और देश के उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रोल मॉडल बने।

कुलाधिपति योगी रविवार शाम एमजीयूजी का निरीक्षण करने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन और फैकल्टी के साथ वर्तमान व्यवस्थाओं और भावी कार्ययोजना की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने ने कहा कि एमजीयूजी का अकादमिक इंफ्रास्ट्रक्चर विश्व स्तरीय स्वरूप में विकसित हो रहा है। अकादमिक इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा 1475 सीट का आडिटोरिम बन कर लगभग तैयार है। इसके साथ ही 9500 की क्षमता का स्टेडियम भी बनना है। सीएम योगी ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों उद्घाटित इस विश्वविद्यालय ने चार साल से भी कम समय में एमबीबीएस और बीएएमएस जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम शुरू कर खुद को एक प्रतिमान के रूप में स्थापित किया है। इसके नर्सिंग कॉलेज की ख्याति पहले से ही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों को भी अपनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

समीक्षा के दौरान गोरखनाथ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि विश्वविद्यालय में मेडिकल साइंस, नर्सिंग, पैरामेडिकल, एग्रीकल्चर, एलॉयड हेल्थ साइंसेज और फार्मेसी से संबंधित डिप्लोमा से लेकर मास्टर तक के दो दर्जन पाठ्यक्रम संचालित हैं। साथ ही बीबीए लॉजिस्टिक का कोर्स भी शुरू हो चुका है। गत सत्र से 100 सीटों की क्षमता से एमबीबीएस कोर्स शुरू हो गया है। एलॉयड हेल्थ साइंस में माइक्रोबायोलॉजी, बायो टेक्नोलॉजी, बायो केमिस्ट्री जैसे पाठ्यक्रम के साथ ही यहां के सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और उनकी बहुत मांग है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यहां पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो समाज के लिए लाभकारी, विद्यार्थी के लिए सहज रोजगारदायी हैं। हमारा प्रयास है कि एमबीबीएस की सीटों को और बढ़ाया जाए। आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने बताया कि एमजीयूजी के आयुर्वेद कॉलेज बीएएमएस कोर्स के लिए विद्यार्थियों के पसंदीदा संस्थानों में शामिल है। यहां की सभी सीटें शरुआती काउंसिलिंग में ही भर जाती हैं। आयुर्वेद कॉलेज से संबद्ध पंचकर्मा सेंटर में दक्षिण भारत से भी बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं।

मेडिकल कॉलेज और आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य की बातों को सुनने के बाद सीएम योगी ने कहा कि आने वाले समय में भारत दुनिया में मेडिकल टूरिज्म का हब बनने जा रहा है। मेडिकल टूरिज्म, अन्य प्रकार के टूरिज्म की तुलना में अधिक व्यापक और महत्वपूर्ण होगा। इसके लिए एमजीयूजी को भी अभी से तैयारी शुरू करनी होगी। इसके लिए मेडिकल एजुकेशन को टेक्नोलॉजी से जोड़ना समय की मांग है। सीएम योगी ने फैकल्टी का आह्वान किया कि वे ग्लोबल मार्केट की डिमांड का अध्ययन करें और उसके अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार करें। हमारा जोर मॉडर्न एज कोर्सेज पर होना चाहिए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं एमजीयूजी के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र की प्रवेश योजना की जानकारी ली और अबतक विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यहां विद्यार्थियों को उनके अध्ययन के अनुरूप विश्व स्तर की सुविधाएं मिलनी चाहिए। साथ ही यहां फैकल्टी-स्टूडेंट्स रिलेशन का कोड ऑफ कंडक्ट बनाकर एक विशिष्ट परिसर संस्कृति विकसित की जाए।

समीक्षा के क्रम में एमजीयूजी के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि रोजगारपरक कई नए पाठ्यक्रमों का संचालन करने के साथ ही विश्वविद्यालय के पास शोध-अनुसंधान के लिए कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ एमओयू की भी विस्तृत श्रृंखला है। शिक्षा, चिकिसा, कृषि अनुसंधान, रोजगार व ग्राम्य विकास के क्षेत्र में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय नेपाल, दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय, एम्स गोरखपुर, केजीएमयू लखनऊ, आरएमआरसी गोरखपुर, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबाद, वैद्यनाथ आयुर्वेद, इंडो-यूरोपियन चैंबर ऑफ स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो, भारतीय बीज विज्ञान संस्थान, जुबिलेंट एग्रीकल्चर रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी, लॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल आदि के साथ एमओयू किया है। इन एमओयू के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में विश्व स्तरीय शोध अनुसंधान के साथ ही स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इस अवसर पर एमजीयूजी से संबद्ध के गोरखनाथ चिकित्सालय बालापार के निदेशक डॉ. रोहित पाटनी, नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील कुमार सिंह, फार्मेसी संकाय के अधिष्ठाता डॉ. शशिकांत सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *