नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर समुद्री संरक्षण व टिकाऊ समुद्री प्रशासनिक व्यवस्था में अपनी अग्रणी भूमिका की पुष्टि की है। इसके द्वारा पिछले वर्ष 58 से ज्यादा प्रमुख तटीय सफाई अभियानों के माध्यम से 194 टन से अधिक प्लास्टिक कचरे को हटाया गया है। भारतीय तटरक्षक बल ने स्वच्छ सागर सुरक्षित सागर, पुनीत सागर अभियान और मिशन लाइफ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के तहत इस वर्ष की वैश्विक विषय-वस्तु #BeatPlasticPollution में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
भारतीय तटरक्षक बल भारत की 11,000 किलोमीटर लंबी विस्तृत तटरेखा पर कार्य करते हुए मूंगा-चट्टान, मैंग्रोव और नेस्टिंग बीच सहित सभी महत्वपूर्ण इकोसिस्टम की सुरक्षा करता है, जो तटीय जैव विविधता व आजीविका को काफी बढ़ावा देते हैं। भारतीय तटरक्षक सेवा समुद्री पर्यावरणीय खतरों के खिलाफ देश की अग्रिम पंक्ति के रक्षक के रूप में भी कार्य करती है। भारतीय तटरक्षक बल समुद्र प्रहरी, समुद्र पहरेदार और समुद्र पावक जैसे प्रदूषण नियंत्रण जहाजों के साथ तेल रिसाव व रासायनिक प्रदूषण के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई के प्रयासों का नेतृत्व करता है, जिसे 50 से अधिक राष्ट्रीय हितधारकों को शामिल करते हुए बड़े पैमाने पर नैटपोलरेक्स अभ्यासों के माध्यम से सुदृढ़ किया जाता है।
भारतीय तटरक्षक बल प्रदूषण नियंत्रण के अलावा, वन्यजीव संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2025 में, ऑपरेशन ओलिविया के माध्यम से ओडिशा के तट पर रहने वाले 6.98 लाख से अधिक ऑलिव रिडले कछुओं की सुरक्षा की। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में अवैध शिकार रोधी प्रयासों से समुद्री खीरे और कोरल सहित लुप्तप्राय समुद्री प्रजातियों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाया गया है।