गाजियाबाद। श्री दिगम्बर जैन मंदिर वसुंधरा में जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर श्री 1008 भगवान महावीर स्वामी जी का 2624 वां जन्म कल्याणक महोत्सव हर्षोल्लास नृत्य भक्ति के साथ मनाया गया।
इस वर्ष जन्म कल्याणक महोत्सव के उत्सव 9 अप्रैल से ही शुरू हो गए थे। प्रातः भगवान महावीर स्वामी का 108 कलशों से महा मस्तकाभिषेक किया गया। तत्पश्चात भगवान महावीर स्वामी की शांति धारा करने का अवसर नवीन जैन, अर्चित जैन परिवार एवं पदम सैन जैन,अजय जैन परिवार को मिला। श्री 1008 मंशापूर्ण महावीर विधान का आयोजन किया गया ।

9 अप्रैल की शाम को जैन महिला मंडल के द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति ,प्रामाणिक पाठशाला के बच्चों के द्वारा अत्यंत मनोहरिक भगवान के जन्म से पहले उनकी माता को आये 16 स्वपनों का अर्थ सहित मंचन किया गया। संगीतकार विक्की एंड पार्टी भोपाल वालों के सुमधुर भजनों पर भक्तों ने भक्ति कर सारा वातावरण भक्तिमय कर दिया।
आज प्रातः श्री जी को अभिषेक के बाद गाजे बाजे के साथ पालकी में मंदिर जी से अग्रसैन चौक लाया गया। जैन मंदिर वसुंधरा की भी इस महावीर जन्म कल्याणक महोत्सव के शुभ अवसर 25 वीं वर्षगांठ मनाई गई। 25 वीं वर्षगांठ के अवसर पर मंदिर जी नए रथ का भी लोकार्पण किया गया इस बार रथ पर श्री जी को ले कर चलने का अवसर सौधर्म इंद्र अजय जैन को ,सारथी का अतिशय जैन, कुबेर इंद्र का सेऊ प्रसाद जैन व इंद्र बनाने का अवसर विकास जैन और नरेश जैन जी को प्राप्त हुआ। सम्पूर्ण रथ यात्रा मैं भक्तों ने ढोल नगाड़ों बैंड की अति कर्णप्रिय धुनों पर सारे समय नृत्य किया। रथयात्रा के पश्चात श्री जी का अभिषेक कर वैसी जी में विराजमान किया गया। जन्मकल्याणक महोत्सव पर भगवान के पालना झुलाने का कार्यक्रम भी किया गया।