गाजियाबाद (TBC News)। आज रक्षा बंधन है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांध कर दीर्घायु और तरक्की की कामना करती है तो वहीं, भाई भी बहनों की रक्षा का संकल्प लेते हैं। इस मौके पर जेल में बंद कैदियों को अपनी बहनों की याद आती है। हजारों की संख्या में बहनें कारागार जाकर भाइयों को राखी बांधी।
वहीं, डासना स्थित जिला कारागार में बंद कैदियों ने इस बार राखियां बनाई हैं। इन राखियों को बाजारों में बिक्री के लिए रखा गया। इस बार गाजियाबाद की बहनें अपने भाइयों के हाथ पर कैदियों की बनी डिजाइनर राखियां बांधी।
डासना जेल के कारागार अधीक्षक आलोक सिंह का कहना है कि जेल में बंद कैदियों को तनाव मुक्त रखने के लिए इस तरह का आयोजन जेल में कराया जाता है। कैदियों को रोजगार देने से कहीं न कहीं उनके आचरण में सकारात्मकता भी दिखाई देती है। इस तरह से राखियां बनाने के दौरान कैदियों के आचरण में भी सुधार की संभावना रहती है। जेल में रहने के दौरान एक स्वस्थ रोजगार भी कैदियों को मिलता है। जेल में सजा पूरी होने के उपरांत भी यह कौशल कैदियों के काम आएगा और सजा पूरी होने के उपरांत वे सम्मानपूर्वक अपना जीवन जी सकेंगे।
इस बार उन्हें राखी बनाने का कार्य दिया गया है। इस दौरान कारागार में बंद कैदियों ने लगभग 4 हजार राखियां बनाई हैं। इन राखियों को गाजियाबाद के बाजारों में बेचा जा रहा है। इस प्रकार कैदियों द्वारा बनाई गई राखियों को खरीद कर बहनें जेल में बंद कैदियों की आर्थिक रूप से भी मदद कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि कैदियों द्वारा बनाई गई राखी से होने वाली आमदनी को कैदियों में बराबर बांट दिया जाएगा।