गाजियाबाद(TBC New)। प्रदेश की योगी सरकार ने आवास विकास परिषद की सिद्धार्थ विहार योजना में गौड़ संस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को भूमि आवंटित करने के संबंध में जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए आवास विभाग में अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुवेर्दी की अध्यक्षता में 3 सदस्य एसआईटी का गठन किया है। साथ ही एसआईटी को एक माह के भीतर जांच करके रिपोर्ट शासन को सौंपने का आदेश दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव आवास एवं नियोजन नितिन गोकर्ण ने आदेश जारी कर एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया है। तीन सदस्य एसआईटी कमेटी में मेरठ के मंडलायुक्त और अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ मंडल को सदस्य बनाया गया है। गौरतलब है कि इस मामले में पहले भी कई बार आवाज उठती रही है। गौड़ संस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के विरुद्ध कई शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए प्राथमिक जांच में शिकायतों की पुष्टि मिलने पर जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वर्ष 2004 में निष्पादित की गई एक्सचेंज डीड में आवास विकास परिषद द्वारा मोहन मीकिंस और नेशनल सीरियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड की इस योजना में शामिल भूमि पर उसी स्थान में 12.47 एकड़ भूमि दी गई। इसका भूमि का प्रयोग जल शुद्धिकरण के लिए किया जाना था। लेकिन इन फर्मों द्वारा एक्सचेंज डीड की शर्तों के विपरीत संबंधित जमीन को मेसर्स गौड़ संस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को गलत ढंग से आवासीय दिखाते हुए वर्ष 2005 में बेच दिया गया था। अब बनाई गई एसआईटी को एक माह में इस मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी। लेकिन इस पूरे प्रकरण में कई बड़े अधिकारियों पर भी संकट के बादल घिर सकते हैं।