गाजियाबाद(TBC News)। बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश के आहवान के बाद भी सोमवार से पश्चिम उत्तर प्रदेश के वकील काम पर नहीं लौटे। वे 15 तक कार्य बहिष्कार करेंगे। 16 सितंबर को मेरठ में बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगे का फैसला लिया जाएगा।
यह फैसला पश्चिम उत्तर प्रदेश बेंच संघर्ष समिति के आहवान पर लिया गया। वहीं, उप्र बार काउंसिल ने सोमवार और मंगलवार को कार्य बहिष्कार की घोषणा की है।
यूपी बार काउंसिल की शुक्रवार की देर रात हुई आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में यह भी तय हुआ है कि अगर यूपी सरकार अधिवक्ताओं की मांगें नहीं मानती है और लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई नहीं करती है तो फिर यह हड़ताल और लंबी चलेगी।
हापुड़ लाठीचार्ज मामले की जांच के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 6 सदस्यीय न्यायिक जांच समिति गठित की है। जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी इस मामले की जांच करेगी। पीड़ित अधिवक्ताओं के बयान दर्ज करेगी।
उत्तर प्रदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने घोषणा की है कि 20 सितंबर को यूपी विधानसभा का घेराव किया जाएगा। उनका कहना है कि यूपी सरकार के किसी मंत्री या प्रतिनिधि ने वकीलों के जख्मों पर मरहम लगाने की जरा भी कोशिश नहीं की। बर्बर लाठीचार्ज में घायल अधिवक्ताओं का हाल भी नहीं पूछा। हमने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन नहीं मिला। इससे साफ है कि सरकार वकीलों के प्रति संवेदनहीन है। इस बेरुखी के खिलाफ यूपी बार काउंसिल चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगी। 16 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों, ट्रेजरी और रजिस्ट्री कार्यालयों पर धरना दिया जाएगा।
पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ 22 सितंबर को काला फीता बांध कर काम करेंगे, जबकि 29 सितंबर को प्रदेश भर में सरकार का पुतला फूंका जाएगा। छह अक्तूबर को मंडलवार और 13 अक्तूबर को बार कौंसिल के कार्यालय में प्रदेश के सभी बार संघों के पदाधिकारियों का सम्मेलन होगा। 20 अक्तूबर को प्रदेशभर के अधिवक्ता विधानसभा का घेराव करेंगे।