गाजियाबाद(TBC News)। केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री व स्थानीय सांसद जनरल वी के सिंह ने कहा कि जब अपने अस्तित्व पर खतरा होता है तो लोग दूसरों पर हमला करते हैं। यही गाजियाबाद में हो रहा है। अपने खिलाफ हो रही राजनीतिक साजिश पर भी पहली बार मीडिया के सामने खुलकर बोले।
अपने आवास पर प्रेसवार्ता करते हुए जनरल वीके सिंह ने विरोधियों को चुनौती देते हुए कहा कि वह कभी भी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे। उन्होंने कनाडा और भारत के बीच चल रहे तनाव पर भी बात रखी।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना इशारों-इशारों में अपनी ही पार्टी के नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ हो रहे राजनीतिक षड़यंत्र की जानकारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को दे दी है। उन्होंने पार्टी में अनुशासनहीनता और षड़यंत्र करने वालों पर कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि जो षड़यंत्र कर रहे हैं, वह समझ लें कि जनता सर्वोपरि है। जो प्यार जनता ने उन्हें 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में दिया था, उससे ज्यादा प्यार 2023 के चुनाव में मिलेगा।

केंद्रीय मंत्री एवं सांसद वीके सिंह ने कहा कि कनाड़ा और भारत के बीच का मसला करीब 30 साल पुराना है। तब एयर इंडिया के विमान में हुए बम विस्फोट में 300 से ज्यादा लोग मारे गए थे और बब्बर खालसा ग्रुप ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। भारत ने तब भी कनाडा को कहा था कि वह ऐसे लोगों पर कार्रवाई करे, लेकिन नहीं की। कनाडा जानबूझकर खालिस्तान की गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम कर रहा है। केंद्र की सरकार ने कनाडा को स्पष्ट कह दिया है कि अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ न होने दे। उन्होंने कहा कि कनाडा में खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल लोगों में वर्चस्व बनाने की लड़ाई चल रही है। उसी की वजह से निज्जर की हत्या हुई है, लेकिन कनाडा सरकार इसके लिए भारत पर इल्जाम लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत अब कनाडा ही नहीं किसी भी देश के दबाव का माकूल जवाब देने में सक्षम हैं। उन्होंने कनाडा में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपने देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है।
विधानसभा चुनाव, उसके बाद और नगर निकाय चुनाव के दौरान भी सांसद वीके सिंह और पार्टी के कुछ अन्य जनप्रतिनिधियों के बीच खींचतान सामने आ चुकी है। एक एमएलसी के कार्यालय पर बैठकर वीके सिंह के खिलाफ चिट्ठी जारी करने के मुद्दे ने भी खासा तूल पकड़ा था। हालांकि तब वीके सिंह चुप रहे। इसके बाद नगर निकाय चुनाव में टिकट वितरण पर भी पार्टी की कलह खुलकर सामने आई थी। दो जनप्रतिनिधियों के गुटों में लात घूंसे तक चले थे। कई ऐसे मौके आए जब पार्टी में जनप्रतिनिधियों के बीच चल रही खींचतान सामने आ चुकी है। हालांकि उन्होंने प्रेसवार्ता के दौरान किसी का नाम नहीं लिया।