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माँ की गोद सबसे अच्छी कक्षा है:सर्बानंद सोनोवाल

नई दिल्ली। केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को डिब्रूगढ़ में अखिल असम सोनोवाल कछारी महिला संघ (एएएसकेडब्ल्यूए) के केंद्रीय स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मां की गोद दुनिया की सबसे अच्छी शिक्षा संस्था है। इस कार्यक्रम में बोलते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण ने एक समृद्ध और आत्मनिर्भर समाज तथा राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त किया है।

ऋग्वेद का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिलाओं ने ऐतिहासिक रूप से प्रगतिशील और समग्र समाज को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “एक मां अपने बच्चों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है और साहस के साथ उनका मार्गदर्शन करती है। प्रयास और दृढ़ता के बिना, किसी की पूरी क्षमता का एहसास करना असंभव है।” सोनोवाल ने तकनीकी प्रगति और मानवता के बीच संतुलन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रगति आवश्यक है, लेकिन मानवता के बिना यह अधूरी है। हमें अपने सामने आने वाली चुनौतियों से पार पाने के लिए मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

मंत्री सोनोवाल ने कौशल, दृढ़ता और समर्पण के माध्यम से सोनोवाल कछारी समुदाय को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सफलता के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है। हर उपलब्धि प्रतिस्पर्धा और चुनौतियों से होकर आती है। असम के विभिन्न जातीय समूहों को शिक्षा, संस्कृति और खेल के माध्यम से आगे बढ़ना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सोनोवाल कछारी समुदाय को केवल शब्दों से नहीं, बल्कि कार्यों से आगे बढ़ाएं। महिलाओं से बदलाव लाने में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए श्री सर्बानंद सोनोवाल ने समुदाय से कड़ी मेहनत और दृढ़ता अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेजोड़ समर्पण के साथ प्रतिदिन लगभग 18 घंटे काम करके एक मिसाल कायम करते हैं। हमें राष्ट्र की भलाई के लिए उनकी प्रतिबद्धता का अनुकरण करना चाहिए।

उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए पिछले एक दशक में सरकार के निरंतर प्रयासों को दोहराया। श्री सोनोवाल ने कहा कि भारत में लाखों महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई हैं और राष्ट्रीय प्रगति और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। 2047 तक, हमारा लक्ष्य एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत का निर्माण करना है और मैं इस समुदाय की महिलाओं से इस मिशन में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान करता हूं। एक मजबूत और सशक्त महिला शक्ति का अर्थ है राष्ट्रीय विकास और समृद्धि में तेजी लाना।

इस कार्यक्रम में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें अखिल असम सोनोवाल कछारी महिला एसोसिएशन (एएएसकेडब्ल्यूए) की अध्यक्ष रश्मिरेखा सोनोवाल, पूर्व विधायक ज्योत्सना सोनोवाल, स्वागत समिति के अध्यक्ष दिपुरंजन मकरारी, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. श्रुतिधर महंत, अखिल असम सोनोवाल कछारी स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष देवानंद चेलेंग और सोनोवाल कछारी स्वायत्त परिषद के पूर्व मुख्य कार्यकारी सदस्य दंडी सोनोवाल, अन्य विशिष्ट अतिथि और स्थानीय निवासी शामिल थे।

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