दरभंगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज बिहार पहुंचे, जहां उन्होंने दरभंगा में तालाब में उतरकर मखाना उत्पादक किसानों से सीधी चर्चा की। उन्होंने मखाने की खेती की पूरी प्रक्रिया समझी और मखाना उत्पादन में आने वाली कठिनाइयों को जानने के साथ ही किसानों से सुझाव भी लिए। शिवराज सिंह ने कहा कि मखाना की खेती कठिन है और तालाब में दिनभर रहकर खेती करनी होती है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष बजट में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा की है और इस बोर्ड के गठन के पहले वे किसानों से सुझाव लेकर चर्चा कर रहे है, ताकि किसानों की वास्तविक समस्याएं समझी जा सकें। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने दरभंगा में राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र पर संवाद कार्यक्रम में मखाना के किसानों से सुझाव लेने के साथ ही उन्हें संबोधित भी किया।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम केवल विभाग नहीं चलाते हैं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में गहराई तक जाकर, कैसे हम किसानों की तकलीफ दूर करें, इसकी कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि किसान की आमदनी बढ़े, 57% लोग आज भी खेती पर निर्भर हैं और खेती भी एक चीज की नहीं है, कहीं केला है तो कहीं लीची है, कहीं मकई है तो कहीं गेहूं है कहीं धान है, इस धरती पर तो मखाना है। अगर किसानों का कल्याण करना है तो हमें हर एक फसल को ठीक से देखना पड़ेगा और इसलिए जब मैं पहली बार कृषि मंत्री बनकर पटना आया था, कृषि भवन में तब बैठक हुई थी, किसानों के साथ और उस बैठक में मखाना उत्पादक किसानों ने अपनी समस्या बताई थी। शिवराज सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए प्रणाम किया, जिन्होंने ये केंद्र बनाया था, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी अभिनंदन किया कि अब उन्होंने मखाना बोर्ड बनाने का फैसला किया है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मखाना सुपरफूड है, पौष्टिकता का भंडार है, ये मखाना आसानी से पैदा नहीं होता है। मखाना पैदा करने के लिए कितनी तकलीफें सहनी पड़ती है, ये यहां आकर देखा जा सकता है। इसलिए मेरे मन में ये भाव आया कि जिन्होंने किसानों की तकलीफ नहीं देखी, वो दिल्ली के कृषि भवन में बैठकर मखाना बोर्ड बना सकते हैं क्या..? इसीलिए मैंने कहा, पहले वहां चलना पड़ेगा जहां किसान मखाने की खेती कर रहा है। खेती करते-करते कितनी दिक्कत और परेशानी आती है, ये भी हो सकता है कि यहां कार्यक्रम करते और निकल जाते लेकिन इससे भी सही जानकारी नहीं मिलती।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम उत्पादन बढ़ाने पर काम करेंगे। दूसरा – हम काम करेंगे उत्पादन की लागत घटाना: लागत कैसे घट सकती है उसके कई पक्ष मेरे सामने आ गये हैं। तीसरा काम- उत्पादन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करना, जिससे खेती आसान हो जाए। अब कई पोखर चाहिए, तालाब चाहिए पानी रोकने की व्यवस्था चाहिए, हम लोग विचार करेंगे कि केंद्र और राज्य सरकार की अलग-अलग योजना के तहत ये कैसे बनाए जा सकते हैं। क्या मनरेगा में कहीं तालाबों का निर्माण हो सकता है। कई तरह के रास्ते निकल सकते हैं, उस पर भी हम काम करेंगे। कठिनाइयों को दूर करना और एक जिसके लिए कई काम करने पड़ेंगे वो है-उचित मूल्य मखाने का मिल जाए, इसका इंतजाम करना। अभी तो ठीक है लेकिन कई बार दाम गिर जाते हैं इसलिए बाजार का विस्तार, मंडियों को ठीक करना, घरेलू बाजार, अंतर्राष्ट्रीय बाजार। उन्होंने कहा कि ये सुपरफूड़ मखाना एक दिन दुनिया में छा जाएगा, क्योंकि इसके गुणधर्म ऐसे हैं। जानकी मैया का आशीर्वाद प्राप्त है और इसलिए सुपरफूड की कैसे हम मार्केटिंग करें, ब्रांडिंग करें, पेकेजिंग करें, उस सभी में सहयोग देंगे।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के आगमन के कार्यक्रम की तैयारियां भी देखूंगा, क्योंकि कार्यक्रम केवल बिहार में नहीं है, कार्यक्रम देशभर के किसानों के लिए है। बिहार के साथ और सभी जिलों में, ब्लॉक मुख्यालयों पर, पंचायतों में और विशेषकर कृषि विज्ञान केंद्रों में किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए इकट्ठा होंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी देश के 9 करोड़ 80 लाख किसानों के खाते में 22 हजार करोड रुपए से ज्यादा की किसान सम्मान निधि की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से डालेंगे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि छोटे किसानों के लिए वरदान है और पूरे देश में प्रधानमंत्री को नरेंद्र मोदी बिहार के दरभंगा से किसानों के खाते में ये राशि डालने वाले हैं।