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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने दिल्ली के नर्सिंग अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ को नियुक्ति पत्र वितरित किए; आयुष्मान भारत पंजीकरण वैन को हरी झंडी दिखाई

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज विज्ञान भवन में दिल्ली नर्सिंग अधिकारियों और पैरामेडिकल कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए और रेखा गुप्ता, मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार की उपस्थिति में आयुष्मान भारत पंजीकरण वैन को हरी झंडी दिखाई। इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के मंत्री, डॉ. पंकज कुमार सिंह, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और परिवहन तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, रविंदर इंद्राज सिंह, समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, सहकारिता और चुनाव मंत्री और मनजिंदर सिंह सिरसा, उद्योग, खाद्य एवं आपूर्ति, पर्यावरण, वन एवं वन्य जीवन मंत्री, संसद सदस्य (रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रवीण खंडेलवाल, योगेंद्र चंदोलिया और बांसुरी स्वराज) भी उपस्थित थे।

सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि आज 15 वर्षों के बाद हमारे नर्सिंग अधिकारियों और पैरामेडिकल कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र मिल रहे हैं। इसके साथ ही, दिल्ली सरकार विशेषज्ञ कर्मचारियों की भर्ती करके स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।’’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने इस बात पर जोर दिया कि दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाओं का सबसे अधिक बोझ है, क्योंकि देश भर से लोग इलाज के लिए दिल्ली आते हैं और पहले स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को उपेक्षा का सामना करना पड़ता था। उन्होंने स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) को लागू करने के लिए वर्तमान दिल्ली सरकार के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा, ‘‘माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए आयुष्मान वय वंदना की शुरुआत की गई। दिल्ली सरकार वय वंदना के तहत सम्मान के साथ जीवन भर स्वस्थ रहने के अधिकार को सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है। अब तक दिल्ली में 4 लाख आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिनमें से 2 लाख कार्ड वय वंदना के तहत जारी किए गए हैं।’’ उन्होंने सभी हितधारकों से दिल्ली में पीएम-एबीएचआईएम को लागू करने की दिशा में समर्पित होकर काम करने और 31 मार्च, 2026 तक 1100 आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोलने के लक्ष्य को पूरा करने का आग्रह किया ।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने रेखांकित किया कि 1997 में स्वास्थ्य नीति मुख्य रूप से उपचारात्मक देखभाल पर केंद्रित थी, जबकि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में नई स्वास्थ्य नीति 2017 को व्यापक देखभाल – निवारक, प्रोत्साहन, उपचारात्मक, पुनर्वास और उपशामक – के दर्शन के साथ पेश किया गया, जिसमें वृद्धावस्था देखभाल पर विशेष ध्यान दिया गया।

श्री नड्डा ने सभी के लिए समान, किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘‘निवारक स्वास्थ्य सेवा पर विशेष जोर दिया जा रहा है जिसके तहत विभिन्न रोगों के शीघ्र निदान के लिए पहल की गई है। हम 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों की जांच पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और शीघ्र निदान के माध्यम से बीमारियों के प्रसार को रोकने की दिशा में काम कर रहे हैं। अब तक, 18 करोड़ उच्च रक्तचाप की जांच, 17 करोड़ डायबिटीज की, 15 करोड़ मुंह के कैंसर की, 7.5 करोड़ स्तन कैंसर की और 4.5 करोड़ गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की जांच की गई हैं।’’

मातृ एवं शिशु देखभाल की दिशा में की गई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए श्री नड्डा ने कहा कि ‘‘आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के माध्यम से गर्भाधान से लेकर बच्चे के जन्म तक और बचपन की देखभाल की जा रही है। नियमित जांच और टीकाकरण से महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) 130 से घटकर 88 प्रति लाख जीवित जन्म पर आ गई है, जबकि शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) 39 से घटकर 26 हो गई है। पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (यू5एमआर) में 42 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि वैश्विक गिरावट 14 प्रतिशत है। नवजात शिशु मृत्यु दर में 40 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि वैश्विक औसत गिरावट 11 प्रतिशत थी।’’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा, ‘‘टीबी के मामलों में 17.7 प्रतिशत की कमी आई है, जो वैश्विक गिरावट दर 8.3 प्रतिशत के दोगुने से भी अधिक है, जिसकी पुष्टि डब्ल्यूएचओ ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2024 से भी होती है।’’ चिकित्सा शिक्षा और बुनियादी ढांचे में पर्याप्त वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘पहले भारत में 2014 तक केवल 7 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) थे, लेकिन आज 20 एम्स चालित हैं। मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 में 387 से बढ़कर 780 हो गई है; मेडिकल सीटों की संख्या 51,000 से बढ़कर 1,18,000 हो गई है। अगले पांच वर्षों में कुल 75,000 सीटों की वृद्धि का लक्ष्य है।’’

आयुष्मान भारत पंजीकरण वैन की पहल की सराहना करते हुए, श्री नड्डा ने कहा, “प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सभी पात्र लाभार्थियों को कवर करने के लिए सभी विधानसभा क्षेत्रों में 70 विशेष रूप से डिजाइन किए गए वैन चलाना एक नई पहल है। 20 विशेष रूप से डिजाइन किए गए मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाई जा रही है। 70 ऐसे वैन 70 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेंगे जहां वे आयुष्मान कार्ड जारी करने के लिए डेटा एकत्र करेंगे और लाभार्थियों को उनके दरवाजे पर पंजीकृत करेंगे।” श्री नड्डा ने स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के महत्व पर भी प्रकाश डाला और उपस्थित नवनियुक्त अधिकारियों से स्वास्थ्य सेवा योजनाओं को लागू करने के लिए समर्पण और सहानुभूति के साथ काम करने का आग्रह किया।

इस अवसर पर  रेखा गुप्ता ने कहा, ‘‘आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत अब तक 4 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं, जिनमें दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को जारी किए गए 2 लाख वय वंदना कार्ड शामिल हैं। कुल 2,258 व्यक्तियों को पहले ही चिकित्सा उपचार मिल चुका है और दिल्ली के 108 अस्पतालों को इस योजना के तहत सूचीबद्ध किया गया है।’’ उन्होंने यह भी बताया कि 31 मार्च, 2026 तक पीएम -एबीएचआईएम के तहत दिल्ली के लिए आवंटित 1700 करोड़ रुपये का उपयोग करके दिल्ली में कुल 1100 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (एएएम) स्थापित किए जाएंगे। 100 एएएम बनकर तैयार हैं, जिनमें से 34 का उद्घाटन पहले ही हो चुका है और बाकी इसी महीने शुरू हो जाएंगे। दिल्ली सरकार का मासिक लक्ष्य 100, प्रति विधानसभा 15 और प्रति संसदीय क्षेत्र 150 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का उद्घाटन करने का लक्ष्य है। इस अवसर पर मंत्रालय और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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