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उत्तर प्रदेश

हवाई परिचालन की सुरक्षा के लिए डीजीसीए ने की दिल्ली और मुंबई सहित देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर व्यापक निगरानी

नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय भारत में सुरक्षित हवाई यात्रा के लिए प्रतिबद्ध है। इसी के तहत डीजीसीए ने 19 जून, 2025 को आदेश संख्या डीजीसीए-22034/2/2025-एफएसडी जारी किया था, ताकि विमानन क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए विमानन पारिस्थितिकी तंत्र का एक केंद्रित मूल्यांकन शुरू किया जा सके।

संयुक्त महानिदेशक, डीजीसीए के नेतृत्व में दो टीमों ने दिल्ली और मुंबई सहित देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर रात और सुबह व्यापक निगरानी की। इसमें उड़ान संचालन, उड़ान योग्यता, रैंप सुरक्षा, हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी), संचार, नेविगेशन और निगरानी (सीएनएस) प्रणाली और उड़ान-पूर्व चिकित्सा मूल्यांकन जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों की जांच की गई। निगरानी के दौरान, नियामक आवश्यकताओं के अनुपालन की जांच करने और सुधार के लिए कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने के लिए विभिन्न जमीनी गतिविधियों और विमान की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखी गई।

जांच के दौरान निम्न निष्कर्ष निकाले गए:

अनेक मामले जिनमें पहले से रिपोर्ट किए गए दोष विमान में कई बार दोबारा सामने आए, जिनसे पता चलता है कि अप्रभावी निगरानी तथा दोषों/दोहराए गए दोषों पर पर्याप्त सुधार कार्रवाई नहीं की गई; ग्राउंड हैंडलिंग उपकरण जैसे बैगेज ट्रॉलियां, बीएफएल, आदि अनुपयोगी पाए गए; लाइन रखरखाव भंडार, उपकरण नियंत्रण प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया।

विमान के रखरखाव के दौरान, कार्य आदेश का पालन नहीं किया गया था; अनुपयोगी थ्रस्ट रिवर्सर सिस्टम और फ्लैप स्लैट लीवर को लॉक नहीं किया गया था; रखरखाव के दौरान, ए.एम.ई. द्वारा ए.एम.एम. के अनुसार सुरक्षा सावधानियाँ नहीं बरती गईं;  कई स्थानों पर, ए.एम.ई. खराबी को ठीक करने का काम नहीं कर रहा था; विमान प्रणाली की दोष रिपोर्ट, तकनीकी लॉगबुक में दर्ज नहीं पाई गईं; कई जीवन रक्षक जैकेट को उनकी निर्धारित सीटों के नीचे ठीक से सुरक्षित नहीं किया गया था; दाईं ओर के विंगलेट के निचले ब्लेड पर जंग-रोधी टेप क्षतिग्रस्त पाया गया।

इसी प्रकार एक हवाई अड्डे पर रनवे की मध्य रेखा का चिह्नांकन धुंधला पाया गया; रैपिड एग्जिट टैक्सीवे, हरी केंद्र लाइटें एक दिशा में नहीं थीं; बाधा सीमा डेटा पिछले तीन वर्षों से अपडेट नहीं किया गया है और हवाई अड्डे के आसपास कई नए निर्माणों के बावजूद कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है; रैंप क्षेत्र में कई वाहन बिना स्पीड गवर्नर के पाए गए। इन वाहनों को एवीपी रद्द करके वापस ले लिया गया और ड्राइवरों के एडीपी को निलंबित कर दिया गया।

एक सिम्युलेटर की जांच में पाया गया कि यह विमान के विन्यास से मेल नहीं खाता है। सॉफ्टवेयर भी वर्तमान संस्करण में अपडेट नहीं किया गया था।

एक निर्धारित एयरलाइन की घरेलू उड़ान को टायर घिस जाने के कारण रद्द कर दिया गया था और आवश्यक सुधार किए जाने के बाद ही इसे जारी किया गया। निगरानी के दौरान पाए गए सभी निष्कर्षों को संबंधित ऑपरेटरों को सात दिनों के भीतर आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए सूचित कर दिया गया है।

19 जून 2025 को आदेश संख्या DGCA-22034/2/2025-FSD के अनुरूप प्रणाली में खतरों का पता लगाने के लिए व्यापक निगरानी की यह प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रहेगी।

डीजीसीए नागरिक विमानन के क्षेत्र में नियामक संस्था है जो मुख्य रूप से सुरक्षा मुद्दों से निपटती है और देश में हवाई परिचालन की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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