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निर्यात और आयात में तेजी लाने के लिए सरकार ने कई पहल कीं

  5,892 अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) प्रमाणपत्र जारी किए गए

नई दिल्ली। भारत सरकार ने अधिकृत आर्थिक ऑपरेटर (एईओ) फ्रेमवर्क के अंतर्गत निर्यात और आयात को तेज करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह जानकारी केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

उठाए गए प्रमुख कदमों में एईओ प्रमाणपत्र धारकों के लिए सुविधा के लिए किए गए निम्नलिखित काम शामिल हैं:

  • खेपों के आयात और निर्यात में उच्च स्तर की सुविधा;
  • सीधे बंदरगाह पर डिलीवरी (डीपीडी) वाले आयात कंटेनरों और/ या निर्यात कंटेनरों के लिए सीधे बंदरगाह पर प्रवेश (डीपीई) की सुविधा;
  • कुछ प्रकार की खेपों के लिए स्वचालित निकासी और ऑन-साइट जांच;
  • टियर-III और टियर-II एईओ प्रमाणपत्र धारकों के लिए देर से भुगतान की सुविधा;
  • जहां भी लागू हो, बैंक गारंटी जमा करने के मानदंडों में ढील;
  • भागीदार सरकारी एजेंसियों और अन्य हितधारकों से मान्यता।
  • एईओ प्रमाणपत्र धारकों को उन विदेशी सीमा शुल्क प्रशासनों से व्यापार सुविधा सहायता भी मिलती है, जिनके साथ भारत ने पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे उनकी वैश्विक व्यापार दक्षता में बढ़ोतरी होती है।

मंत्री ने बताया कि 30 जून, 2025 तक 5,892 एईओ प्रमाण पत्र जारी किए गए। अधिक जानकारी देते हुए, मंत्री ने आगे कहा कि भारत सरकार ने बीते 3 साल में देश भर में 60 से अधिक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए हैं, जिसमें एईओ योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एमएसएमई पर खास ध्यान दिया गया है। भारत सरकार ने नवंबर 2024 में “भारत एईओ संवाद: वैश्विक व्यापार साझेदारी को बढ़ाना” शीर्षक से एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित किया। एईओ कार्यक्रम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ अप्रैल और मई 2025 में दो सम्मेलन भी आयोजित किए गए। एमएसएमई की भागीदारी बढ़ाने के लिए, 2020 में, उनके आवेदनों के प्राथमिकता वाले प्रसंस्करण के साथ-साथ, एमएसएमई के लिए मान्यता प्रक्रिया में ढील दी गई, एमएसएमई की ओर से एईओ प्रमाणन के लिए आवेदन के साथ प्रदान किए जाने वाले अनुलग्नकों को भी युक्तिसंगत बनाया गया। एईओ प्रमाणपत्र धारक एमएसएमई के लिए, जहा भी जरूरी हो, बैंक गारंटी जमा करने के मानदंडों में भी ढील दी गई।

पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) आपूर्ति श्रृंखला सुरक्षा मानकों की आपसी मंजूरी पर आधारित होती है और एक देश के एईओ प्रमाणपत्र धारकों को दूसरे देश के सीमा शुल्क प्रशासन की ओर से सुरक्षित और कम जोखिम वाला माना जाता है। तदनुसार, भारतीय एईओ प्रमाणपत्र धारकों की ओर से निर्यात को साझेदार देशों में तेज कार्गो छोड़ने, कम निरीक्षण और शीघ्र सीमा शुल्क निकासी का लाभ मिलता है, जिससे भारतीय एईओ प्रमाणपत्र धारकों द्वारा निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी बनता है और साझेदार देशों में उनके लिए व्यापार सुविधा में बढ़ोतरी होती है।

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