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डॉ. मनसुख मांडविया ने विकसित भारत युवा संसद 2025 का उद्घाटन किया

लोकतंत्र रचनात्मक बातचीत से आगे बढ़ता है, वाद-विवाद से नहीं: डॉ. मांडविया

नई दिल्ली। डॉ. मनसुख मांडविया ने नई दिल्ली में दो दिवसीय विकसित भारत युवा संसद महोत्सव 2025 के राष्ट्रीय दौर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे भी उपस्थित थीं। इस भव्य आयोजन की यात्रा तब शुरू हुई जब 16 मार्च 2025 से 27 मार्च 2025 तक जिला युवा संसद का आयोजन किया गया। जिला युवा संसद-2025 के विजेताओं ने 23 से 31 मार्च, 2025 तक राज्य युवा संसद में भाग लिया, जिसका आयोजन कई राज्य विधानसभाओं में किया गया। देश भर से कुल 105 राज्य स्तरीय विजेताओं ने राष्ट्रीय मंच पर अपना स्थान बनाया। केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने अपने उद्घाटन भाषण में इस बात पर प्रकाश डाला कि इस वर्ष की युवा संसद को विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ एकीकृत किया गया है। उन्होंने युवाओं के उत्साह पर जोर देते हुए कहा कि 75,000 से अधिक युवाओं ने इस पहल का हिस्सा बनने के लिए एक मिनट के वीडियो प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि जिला और राज्य स्तर पर कठोर चयन प्रक्रिया के बाद प्रतिभागियों को अंततः प्रतिष्ठित संसद में एकत्र किया जाता है, जहां नेताओं और नीति निर्माताओं ने भारत के वर्तमान को आकार दिया है।

डॉ. मांडविया ने युवा प्रतिभागियों को ‘राष्ट्र प्रथम’ की मानसिकता अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया, चाहे वह किसी भी व्यवसाय से जुड़े हों। उन्होंने विकसित भारत युवा संसद को एक ऐसा मंच बताया जो भावी नेताओं को तैयार करता है तथा युवाओं को सार्थक चर्चाओं में भाग लेने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतंत्र वाद-विवाद से नहीं, बल्कि रचनात्मक चर्चा के जरिए नागरिकों के साथ जुड़ने से आगे बढ़ता है। केंद्रीय मंत्री ने भारत की विविधता की प्रशंसा करते हुए कहा कि मतभेदों के बावजूद संसद एकता का प्रतीक है। भविष्य के प्रति आशा व्यक्त करते हुए उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि आज उपस्थित अनेक युवाओं में से कई संसद सदस्य या मंत्री के रूप में संसद में वापस आएंगे। उन्होंने लोकतंत्र की ताकत पर भी जोर दिया, जो सभी को समान अवसर प्रदान करता है और कहा कि भारत में, एक साधारण पृष्ठभूमि का व्यक्ति भी प्रधानमंत्री बन सकता है।डॉ. मांडविया ने युवाओं को विकसित भारत के लिए संकल्प लेने और परिणामों की चिंता किए बिना आगे बढ़ने पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी। अपने संबोधन के समापन पर उन्होंने प्रतिभागियों को सीखने के लिए तत्पर रहने के लिए प्रोत्साहित किया तथा कहा कि जो लोग ज्ञान और अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए ये दो दिन बहुत उपयोगी होंगे।

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री, रक्षा खडसे ने कहा कि विकसित भारत युवा संसद 2025 के दौरान युवाओं के नेतृत्व में होने वाले ये संवाद भारत के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेंगे। उन्होंने इस वर्ष की युवा संसद के महत्व पर जोर दिया, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के भारत को विकसित भारत बनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें युवा न केवल देश की प्रगति में योगदान देंगे बल्कि देश को प्रगति की ओर भी ले जाएंगे। युवा कार्यक्रम विभाग की सचिव मीता राजीव लोचन ने अपने स्वागत भाषण में इस बात पर जोर दिया कि विकसित भारत युवा संसद 2025 लोकतंत्र के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करती है और एक ऐसे मंच के रूप में कार्य करती है, जहां देश भर के युवा सार्वजनिक नीति में सक्रिय रूप से योगदान दे सकते हैं।

दिन की शुरुआत एक प्रभावशाली उद्घाटन समारोह के साथ हुई, जिसके बाद प्रतिभागियों द्वारा उद्घाटन भाषण दिया गया, जिसका निर्णय डॉ. मनसुख मांडविया और संसद सदस्य शांभवी चौधरी की जूरी ने किया। कार्यक्रम में दो प्रश्नकाल सत्र हुए, जिनमें युवा संसद के अनुभव के बारे में विस्तार से बताया गया। प्रत्येक प्रश्नकाल सत्र में 18 टीमों ने भाग लिया: 9 टीमें सांसदों का प्रतिनिधित्व कर रही थीं और 9 टीमें मंत्रियों का प्रतिनिधित्व कर रही थीं। युवा सांसदों ने व्यावहारिक, नीति-आधारित प्रश्न उठाए और मंत्रियों ने संरचित और विस्तृत उत्तर दिए।

प्रश्नकाल 1 के दौरान, टीमों ने एक राष्ट्र, एक चुनाव (ओएनओई) पर चर्चा की, जिसमें युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री,रक्षा खडसे और सांसद डॉ. भागवत किशनराव कराड सहित एक प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल की अंतर्दृष्टि के साथ शासन, प्रशासनिक व्यवहार्यता, राजनीतिक स्थिरता और कानूनी चुनौतियों की जांच की गई। प्रश्नकाल 2 विकसित भारत पर केंद्रित था, जहां युवा सांसदों ने युवा सशक्तिकरण, शिक्षा, कौशल विकास और स्थिरता पर चर्चा की, जिसका मूल्यांकन एक निर्णायक मंडल द्वारा किया गया जिसमें सांसद सतनाम सिंह संधू, धवल लक्ष्मणभाई पटेल और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के संयुक्त सचिव नितेश कुमार मिश्रा शामिल थे।

इसके बाद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी, सांसद द्वारा वक्तृत्व कौशल पर एक ज्ञानवर्धक मास्टर क्लास का आयोजन किया गया। इस मास्टर क्लास ने प्रतिभागियों को प्रभावी सार्वजनिक भाषण की कला के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की, जो नेतृत्व और संसदीय बहस के लिए एक महत्वपूर्ण कौशल है। विकसित भारत युवा संसद का पहला दिन बहुत सफल रहा, जिसका समापन प्रेरणादायी रहा, तथा इससे चर्चाओं, बहसों और नीति निर्धारण अभ्यासों के दूसरे दिन के लिए मंच तैयार हो गया।

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