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प्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज-चिनाब पुल और भारत के पहले केबल-स्टेड रेल पुल अंजी ब्रिज का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जम्मू–कश्मीर की पीढ़ियों ने रेलवे कनेक्टिविटी का सपना लंबे समय से देखा था, आज यह सपना सच हो गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के हाल ही में दिए गए वक्तव्य का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सातवीं या आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र के रूप में भी श्री अब्दुल्ला इस परियोजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि लंबे समय से प्रतीक्षित इस आकांक्षा की पूर्ति जम्मू–कश्मीर के लाखों लोगों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जो बेहतर कनेक्टिविटी और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है।
उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार के लिए सौभाग्य की बात है कि इस महत्वाकांक्षी रेलवे परियोजना ने उनके कार्यकाल के दौरान गति पकड़ी और अब सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस परियोजना में कई चुनौतियां थीं, जैसे कि कठिन भूभाग, खराब मौसम की स्थिति और पहाड़ों में गिरती चट्टानें, जिससे यह परियोजना बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण हो गई थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा चुनौतियों का सामना करने और दृढ़ संकल्प के साथ उन पर विजय पाने का विकल्प चुना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू–कश्मीर में चल रही सभी मौसमों में कार्यशील रहने वाली कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं इस प्रतिबद्धता का उदाहरण हैं। उन्होंने हाल ही में खोली गई सोनमर्ग सुरंग और चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज पर यात्रा करने के अपने अनुभव को उल्लेखनीय उपलब्धि बताया। श्री मोदी ने भारत के इंजीनियरों और श्रमिकों की इंजीनियरिंग प्रतिभा और अटूट समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज चिनाब ब्रिज भारत की महत्वाकांक्षा का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि जहां लोग एफिल टॉवर देखने के लिए पेरिस जाते हैं, वहीं चिनाब ब्रिज की ऊंचाई उससे भी अधिक है, जिससे यह न केवल एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा उपलब्धि बन गया है, बल्कि एक उभरता हुआ पर्यटक आकर्षण भी बन गया है। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने अंजी ब्रिज को इंजीनियरिंग का चमत्कार बताया, जो भारत का पहला केबल–समर्थित रेलवे ब्रिज है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये संरचनाएं केवल स्टील और कंक्रीट से बनी नहीं हैं, बल्कि भारत की शक्ति के जीवंत प्रतीक हैं, जो पीर पंजाल पहाड़ों के ऊबड़–खाबड़ ऊंचे स्थान पर खड़े हैं। श्री मोदी कहा कि ये उपलब्धियां एक विकसित राष्ट्र के लिए भारत के विजान का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो साबित करती हैं कि भारत की प्रगति का सपना जितना बड़ा है, उतना ही उसका लचीलापन, क्षमता और दृढ़ संकल्प भी है। इसके अतिरिक्त उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शुद्ध इरादे और अथक समर्पण भारत के रूपांतरण के पीछे की प्रेरक शक्तियां हैं।
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज दोनों ही जम्मू–कश्मीर में समृद्धि के उत्प्रेरक के रूप में काम करेंगे। उन्होंने कहा, “ये ऐतिहासिक परियोजनाएं न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगी बल्कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को भी लाभान्वित करेंगी, जिससे व्यवसायों और उद्योगों के लिए नए अवसर पैदा होंगे“। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जम्मू और कश्मीर के बीच बेहतर रेल संपर्क स्थानीय उद्यमियों के लिए अवसरों के नए द्वार खोलेगा, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। श्री मोदी ने कहा कि कश्मीर के सेब अब कम लागत पर देशभर के प्रमुख बाजारों तक पहुंचेंगे, जिससे व्यापार में अधिक कुशलता आएगी। इसके अतिरिक्त, सूखे मेवे और कश्मीर के प्रसिद्ध पश्मीना शॉल और अन्य पारंपरिक हस्तशिल्प अब आसानी से देश के हर कोने में पहुंचाए जा सकेंगे, जिससे क्षेत्र के कारीगरों और उद्योग को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बेहतर संपर्क जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए आवाजाही और अधिक सुविधाजनक बनाएगा, जिससे भारत के विभिन्न हिस्सों में आवागमन सुगम हो सकेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने संगलदान के एक विद्यार्थी की मार्मिक टिप्पणी साझा की, जिसने कहा कि अब तक केवल उन लोगों ने ही वास्तविक जीवन में रेलगाड़ी देखी थी जिन्होंने गांव से बाहर कदम रखा था। अधिकांश ग्रामीणों ने केवल वीडियो में ही रेलगाड़ियां देखी थीं। उन्हें विश्वास नहीं था कि शीघ्र ही उनकी आंखों के सामने से एक वास्तविक रेलगाड़ी भी गुजरेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि कई लोगों ने अब रेलगाड़ियों की समय-सारिणी को भी याद करना शुरू कर दिया है और वे नई कनेक्टिविटी को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने एक युवती की एक विचारशील टिप्पणी पर प्रकाश डाला, जिसमें उसने कहा कि अब मौसम यह तय नहीं करेगा कि सड़कें खुली रहेंगी या बंद। यह नई रेल सेवा सभी मौसमों में लोगों की मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “जम्मू और कश्मीर भारत माता का मुकुट है, जो उज्ज्वल रत्नों से सुसज्जित है – प्रत्येक रत्न इस क्षेत्र की असीम शक्ति और सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करता है“। उन्होंने इसकी प्राचीन संस्कृति, परंपराओं, आध्यात्मिक चेतना, मनमोहक परिदृश्यों, औषधीय जड़ी–बूटियों, फलते–फूलते बागों और जीवंत युवा प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये गुण भारत के मुकुट में बहुमूल्य रत्नों की तरह चमकते हैं। दशकों से जम्मू–कश्मीर का दौरा कर रहे प्रधानमंत्री ने क्षेत्र की क्षमता के बारे में अपनी गहरी समझ की पुष्टि की और जम्मू–कश्मीर के निरंतर विकास और उत्थान के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे वहां के लोगों की समृद्धि सुनिश्चित हो सके।
प्रधानमंत्री ने कहा, “जम्मू और कश्मीर लंबे समय से भारत की शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत का एक स्तंभ रहा है।” उन्होंने कहा कि जैसे–जैसे भारत खुद को वैश्विक ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है, इस रूपांतरण में जम्मू और कश्मीर की सहभागिता बढ़ रही है। श्री मोदी ने जम्मू और श्रीनगर में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ–साथ आईआईटी, आईआईएम, एम्स और एनआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों की उपस्थिति की ओर इंगित किया, जो इस क्षेत्र में अकादमिक उत्कृष्टता को सुदृढ़ बना रहे हैं। उन्होंने अनुसंधान इको-सिस्टम के विस्तार, नवोन्मेषण और सीखने के अवसरों को और बढ़ाने का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य सेवा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और हाल के वर्षों में दो राज्य स्तरीय कैंसर संस्थान स्थापित किए गए हैं। पिछले पांच वर्षों में, सात नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, जिससे रोगियों और आकांक्षी मेडिकल छात्रों दोनों को ही काफ़ी लाभ हुआ है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जम्मू और कश्मीर में एमबीबीएस की सीटें 500 से बढ़कर 1,300 हो गई हैं, जिससे चिकित्सा शिक्षा की सुविधा बढ़ गई है। इसके अतिरिक्त, रियासी जिले में एक नया मेडिकल कॉलेज बनने वाला है, जिससे इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी। प्रधानमंत्री ने श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एक्सीलेंस की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह न केवल एक आधुनिक अस्पताल है, बल्कि यह भारत की कल्याण की समृद्ध परंपरा का प्रतीक भी है। उन्होंने पूरे भारत के भक्तों के योगदान की भी सराहना की, जिनके दान से इस संस्थान की स्थापना में मदद मिली। अपनी शुभकामनाएं देते हुए, श्री मोदी ने इस नेक काम में समर्पित प्रयासों के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को बधाई दी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अस्पताल की क्षमता 300 से बढ़ाकर 500 बिस्तर की जाएगी, जिससे चिकित्सा सेवाओं में और सुधार होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विकास से कटरा में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा मिलेगी।
इस बात को रेखांकित करते हुए कि उनकी सरकार ने अब अपने कार्यकाल के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं, प्रधानमंत्री ने इस अवधि को गरीबों के उत्थान और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित किया तथा कई प्रमुख कल्याणकारी पहलों पर प्रकाश डाला, जिन्होंने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का उल्लेख किया, जिसने 4 करोड़ निर्धन परिवारों को पक्के घर देकर उनके सपने को पूरा किया है। उज्ज्वला योजना ने 10 करोड़ घरों से धुएं को खत्म करने में मदद की है और महिलाओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा की है। आयुष्मान भारत ने 50 करोड़ वंचित नागरिकों को 5 लाख रुपये तक की निशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की, हर थाली को पर्याप्त पोषण से भर दिया, जबकि जन धन योजना ने 50 करोड़ से अधिक निर्धन व्यक्तियों के लिए बैंकिंग सुविधा प्रदान की, जिससे वे वित्तीय प्रणाली में शामिल हो गए। प्रधानमंत्री ने सौभाग्य योजना का भी उल्लेख किया, जिसने अंधेरे में रहने वाले 2.5 करोड़ परिवारों को बिजली पहुंचाई। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ शौचालय बनाए गए, जिससे खुले में शौच की चुनौती खत्म हुई। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन ने 12 करोड़ घरों को नल का जल उपलब्ध कराया, जिससे महिलाओं पर बोझ कम हुआ, जबकि पीएम किसान सम्मान निधि ने 10 करोड़ छोटे किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे ग्रामीण भारत मजबूत हुआ।
चिनाब और अंजी रेल पुल
नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित वास्तुकला का चमत्कार चिनाब रेल पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है जिसे भूकंप और तेज हवा की स्थिति में दृढता के साथ अडिग रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस पुल का एक प्रमुख लक्ष्य जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बढ़ाना है। पुल पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के ज़रिए कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा करने में सिर्फ़ 3 घंटे लगेंगे, जिससे विद्यमान यात्रा समय में 2-3 घंटे की कमी आएगी। अंजी ब्रिज भारत का पहला केबल–स्टेड रेल ब्रिज है जो इस चुनौतीपूर्ण भूभाग में राष्ट्र की सेवा करेगा।
कनेक्टिविटी परियोजनाएं और अन्य विकास पहल
प्रधानमंत्री ने उधमपुर–श्रीनगर–बारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना, जिसका निर्माण लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, में 36 सुरंगें (119 किलोमीटर तक फैली हुई) और 943 पुल शामिल हैं। यह परियोजना कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसमों में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करती है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय गतिशीलता को बदलना और सामाजिक–आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है।
प्रधानमंत्री ने श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर और वापस जाने वाली दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी झंडी दिखाई। ये ट्रेन निवासियों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों के लिए शीघ्र, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करेंगी।
प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अंतिम मील तक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए कई सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग–701 पर राफियाबाद से कुपवाड़ा तक सड़क चौड़ीकरण परियोजना और एनएच–444 पर शोपियां बाईपास सड़क के निर्माण की आधारशिला रखी, जिसकी लागत 1,952 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने श्रीनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग–1 पर संग्राम जंक्शन और राष्ट्रीय राजमार्ग–44 पर बेमिना जंक्शन पर दो फ्लाईओवर परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं से यातायात की भीड़ कम होगी और यात्रियों के लिए यातायात प्रवाह में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री ने कटरा में 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस की आधारशिला भी रखी। यह रियासी जिले का पहला मेडिकल कॉलेज होगा जो इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान देगा।