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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री पटना में 800 करोड़ रूपए से अधिक की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

नई दिल्ली\पटना। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज बिहार के पटना में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार की 800 करोड़ रूपए से अधिक लागत वाली विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज यहां सहकारिता क्षेत्र और अन्य विभागों की कई योजनाओ का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि विगत 10 साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के करोड़ों गरीबों के कल्याण के लिए कई काम किए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी सरकारों ने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 10 साल में गरीबों को घर, बिजली, गैस, पेयजल, शौचालय, दवाएं और 5 किलो मुफ्त अनाज दिया है। अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने 80 करोड़ लोगों को प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त अनाज, 4 करोड़ लोगों को घर, 11 करोड़ गैस सिलिंडर, 12 करोड़ से अधिक शौचालय और 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसान, महिलाएं, डेयरी, मत्स्यपालन और कृषि से जुड़ी गतिविधियों को गति देने के लिए आज़ादी के 75 साल बाद देश में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 75 साल तक देश में किसी को भी सहकारिता को मज़बूत करने के बारे में सोचने की फुरसत नहीं थी। उन्होंने कहा कि बिहार, भूमि, जल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर राज्य है और आने वाले समय में इस राज्य को सहकारिता क्षेत्र का सबसे अधिक फायदा होगा। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि विपक्षी सरकारों के शासनकाल में बिहार में सहकारिता को पूरी तरह चौपट कर दिया गया था और सैकड़ों चीनी मिलें बंद हो गईं थीं। उन्होंने कहा कि एक ज़माने में बिहार का चीनी उत्पादन देश के चीनी उत्पादन का 30 प्रतिशत से अधिक था जो विपक्षी सरकारों के कार्यकाल में घटकर 6 प्रतिशत से भी कम रह गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिहार में बंद पड़ी चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने का काम करेगी।

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मज़बूत करने के लिए कई काम किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में मखाना केन्द्र बनाया है और अब मक्का संशोधन केन्द्र को 1 हज़ार करोड़ की लागत से पुनर्जीवित कर मक्का उगाने वाले किसानों के लिए कई योजनाएं भी हम लाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि आज किसानों का पूरा मक्का, दलहन, गेहूं और चावल, भारत सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद रही है। अमित शाह ने कहा कि आज बिहार देश में लीची, मशरूम और मखाने के उत्पादन में प्रथम स्थान, मक्का उत्पादन में दूसरे, मसूर दाल और शहद उत्पादन में तीसरे, मूंग और गन्ना उत्पादन में पांचवे और गेहूं और चावल उत्पादन में छठे स्थान पर है। उन्होंने कहा कि बिहार में कृषि विकास और सहकारिता के विकास की बहुत संभावनाएं हैं जिनका शत प्रतिशत दोहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बंद पड़ी 30 चीनी मिलों को शुरू करने में सरकार अपनी पूरी ऊर्जा लगा देगी।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि PACS अब कई प्रकार के काम कर रहे हैं, उनका कम्प्यूटराइज़ेशन हो गया है और अब इनके माध्यम से पूरे बिहार में ज़िलास्तरीय बैंकों को मज़बूत करने की योजना भी लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि 1990 से 2005 तक विपक्षी सरकारों ने बिहार में हत्या, अपहरण, फिरौती, डकैती और लूटपाट की एक इंडस्ट्री चलाई जिसने राज्य को पूरी तरह से बरबाद कर दिया। अमित शाह ने कहा कि बिहार में विपक्षी सरकारों के शासनकाल में जातीय नरसंहार हुए, सत्तापोषित भ्रष्टाचार हुआ और चारा घोटाले से राज्य को देश और दुनिया में बदनाम करने का काम किया गया। उन्होंने कहा कि विपक्षी सरकार को बिहार के इतिहास में हमेशा के लिए जंगलराज के रूप में जाना जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि बिहार में नीतीश सरकार के 10 साल के कार्यकाल में हर गांव तक सड़क, बिजली और नल से जल पहुंचा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने घर, शौचालय, पानी, दवाएं, राशन देकर बिहार के गरीबों के कल्याण के काम किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछली केन्द्र सरकार के 10 साल के कार्यकाल में बिहार को 2 लाख 80 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए थे जबकि मोदी सरकार के 10 साल में बिहार को 9 लाख 23 हज़ार करोड़ रूपए दिए गए हैं। श्री शाह ने कहा कि बिहार में 4 लाख करोड़ रूपए के सड़क और पुल, 1 लाख करोड़ रूपए के रेलवे प्रोजेक्ट्स और 2 हज़ार करोड़ रूपए के एयरपोर्ट प्रोजेक्ट्स भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि 8 हज़ार करोड़ रूपए से बिहार में 7 बड़े पुलों का निर्माण हो रहा है, 31 हज़ार करोड़ रूपए से 5 हज़ार किलोमीटर लंबी रेल लाइन बन रही है और देश में पहली किसान रेल भी बिहार से ही शुरू हुई। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बिहार में मखाना बोर्ड बनाया और बरौनी के खाद कारखाने सहित 766 अन्य प्रोजेक्ट भी केन्द्र सरकार की मदद से राज्य में शुरू हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का विकास का 20 साल का ट्रैक रिकॉर्ड है और अब यहां से जंगलराज समाप्त हो चुका है।

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