नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने मेटा के मुख्य वैश्विक मामलों के अधिकारी जोएल कपलान के साथ मिलकर सरकार के प्रमुख उपभोक्ता जागरूकता अभियान ‘जागो ग्राहक जागो’ के तहत डिजिटल साक्षरता पहल के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए एक नए सहयोग ‘सशक्त उपभोक्ता बनें’ की घोषणा की। साझेदारी के शुभारंभ पर बोलते हुए, प्रहलाद जोशी ने कहा, “हम नागरिकों को ज्ञान और उपकरणों से लैस करने की इस महत्वपूर्ण पहल पर मेटा के साथ साझेदारी करके प्रसन्न हैं, जो उन्हें डिजिटल परिदृश्य में नेविगेट करने और ऑनलाइन खुद को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाएगा।”
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता जागरूकता एक स्थायी और सुरक्षित डिजिटल अनुभव की कुंजी है और यह अभियान उपभोक्ता संरक्षण उपायों को मजबूत करेगा और भारतीय उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेगा।प्रहलाद जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि इस सहयोग से उपभोक्ता संरक्षण की दिशा में भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग के प्रयास देश के दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचेंगे। संयुक्त अभियान ‘सशक्त उपभोक्ता बनें’ का उद्देश्य भारतीयों को ऑनलाइन खतरों को पहचानने और स्वस्थ ऑनलाइन आदतों को बढ़ावा देने के बारे में शिक्षित करना है, जिसमें मजबूत पासवर्ड का उपयोग, ऑनलाइन जानकारी का सत्यापन और संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करना शामिल है। लॉन्च से पहले एक बैठक में इस पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान, केंद्रीय मंत्री को भारतीय राष्ट्रीय विधि विद्यालय, विश्वविद्यालय, बैंगलोर में विभाग द्वारा स्थापित पीठ द्वारा आईआईटी बॉम्बे के साथ शुरू की गई संयुक्त परियोजना के बारे में भी अवगत कराया गया, जिसे मेटा द्वारा समर्थन दिया गया। यह परियोजना नागरिक-केंद्रित चैटबॉट: ग्राहकन्याय बनाने में मेटा के खुले तौर पर उपलब्ध बड़े भाषा मॉडल, लामा 2 का लाभ उठाने की व्यवहार्यता का पता लगाती है। यह चैटबॉट उपभोक्ता अधिकारों की जानकारी की पहुंच को बढ़ाएगा, यह एक मजबूत शिकायत निवारण उपकरण है जो व्यक्तियों को शिकायत दर्ज करने और प्रश्नों को अधिक कुशलतापूर्वक हल करने में मदद करेगा। चैटबॉट अब बंद समूह बीटा परीक्षण के लिए तैयार है और इसका परीक्षण पूरा होने के बाद इसे आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा और डीओसीए की वेबसाइट में एकीकृत किया जाएगा।
उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार उपभोक्ता अधिकारों को बनाए रखने और उनकी सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है। उन्होंने कहा कि इस प्रतिबद्धता को प्रभावी बनाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उपभोक्ता ऑनलाइन खतरों के प्रति जागरूक हों तथा अनैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को समझ सकें। इसके अलावा, अपनी शिकायतों को सुनने और उनका समाधान करने का अधिकार होना जवाबदेही, पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि चैटबॉक्स के माध्यम से शिकायत दर्ज करने और प्रश्नों के समाधान की प्रक्रिया को निर्बाध रूप से संभव बनाया जा सकेगा।