केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने नई दिल्ली में स्थाई सर्कुलरिटी पर सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स के तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया
नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने नई दिल्ली में सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) द्वारा आयोजित सतत सर्कुलरिटी पर तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के विशेष मंत्रिस्तरीय सत्र में मुख्य भाषण दिया। ‘ नेचर पॉजिटिव रिसाइक्लिंग’ थीम पर आयोजित इस सम्मेलन में ऑटोमोटिव उद्योग के प्रमुख हितधारकों ने सतत विकास और सर्कुलरिटी पर चर्चा की।
भूपेंद्र यादव ने अपने भाषण में देश के मोटर वाहन क्षेत्र के तेजी से विकास के बीच सर्कुलरिटी पर चर्चा शुरू करने के लिए एसआईएएम की सराहना की। यह अब यात्री वाहन बिक्री में वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा बाजार है। उन्होंने इस विकास को प्रकृति की कुशल रीसाइक्लिंग प्रणालियों से प्रेरणा लेते हुए पर्यावरणीय स्थिरता के साथ जोड़ने के महत्व पर जोर दिया । प्रकृति सकारात्मक रीसाइक्लिंग पर जोर देते हुए श्री यादव ने कहा कि कोई भी प्रकृति की तरह रीसाइकिल नहीं करता है। उन्होंने कहा, “जब बात प्रकृति की आती है तो हम कभी भी उत्पादन के स्तर पर बराबरी नहीं कर सकते हैं जहां अपशिष्ट शून्य होता है। जैसे हम अपनी विनिर्माण क्षमताओं पर गर्व करते हैं, वैसे ही हम कचरे के प्रबंधन में प्रकृति से सबक भी लें”। मंत्री महोदय ने उपस्थित प्रतिष्ठित लोगों से रीसाइक्लिंग रणनीतियों की योजना बनाते समय प्रकृति को अपना आदर्श बनाने का आह्वान किया।
भूपेंद्र यादव ने सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में ऑटोमोटिव क्षेत्र की भूमिका पर जोर दिया, जिसमें एसडीजी 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा), एसडीजी 8 (सभ्य कार्य और आर्थिक विकास) और एसडीजी 9 (उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा) शामिल हैं। उन्होंने बैटरी चार्जिंग के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व पर भी जोर दिया।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स और ऑटोमोटिव उद्योग से पुनर्चक्रणीय डिजाइनों को शामिल करके, डीलरशिप संचालन में सतत विकास को बढ़ावा देकर और उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाकर एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था में परिवर्तन का नेतृत्व करने का आह्वान किया। श्री यादव ने पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए आर्थिक विकास को गति देने की ऑटोमोटिव उद्योग की दोहरी जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए अपने भाषण का समापन किया। उन्होंने वायु प्रदूषण से निपटने में वनरोपण के महत्व को रेखांकित करते हुए ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान जैसी पहलों में भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर भूपेंद्र यादव ने एसआईएएम रणनीति पत्र का भी अनावरण किया, जिसका शीर्षक था ‘ऑटोमोबाइल उद्योग में सर्कुलर भविष्य की ओर: अपशिष्ट प्रवाह विनियमन में विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (ईपीआर) व्यवस्था का एकीकरण।’ मंच पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में एसआईएएम के कार्यकारी निदेशक प्रशांत के. बनर्जी और हीरो मोटो कॉर्प के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी विक्रम कस्बेकर शामिल थे।