गाजियाबाद। कृष्णा एन्क्लेव पार्क, राज नगर एक्सटेंशन गाजियाबाद में राजकुमार त्यागी (अध्यक्ष) फ्लैट ओनर्स फेडरेशन, सेवानिवृत्त कैप्टन गोपाल सिंह (महासचिव), शरद सिंघल(वरिष्ठ नागरिक प्रकोष्ठ प्रमुख), डा0 नितिका शुक्ला(अध्यक्ष महिला प्रकोष्ठ प्रमुख), मनोज कुमार अग्रवाल (मीडिया प्रभारी), गाजियाबाद द्वारा थाना साइबर क्राइम कमिश्नरेट गाजियाबाद के सहयोग से साइबर क्राइम से बचाव हेतु फ्लैट ओनर्स फेडरेशन द्वारा साइबर जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया गया। इस साइबर क्राइम जागरूकता कार्यक्रम में क्षेत्र के सभी लोगो ने हिस्सा लिया । इस कार्यक्रम में सच्चिदानन्द, अपर पुलिस उपायुक्त अपराध एवं सन्तोष कुमार तिवारी, थाना प्रभारी थाना साइबर, क्राइम कमिश्नरेट गाजियाबाद ने लोगों को साइबर अपराध से बचाव के सम्बन्ध में जानकारी दी तथा लोगों के साइबर क्राइम सम्बन्धी जिज्ञासाओं को शान्त किया । इस साइबर क्राइम जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय लोगों को साइबर अपराध से बचाव हेतु अपराध वार जागरूक किया गया ।
साइबर अपराधी इन्स्टाग्राम/फेसबुक पर शेयर ट्रेडिंग सम्बन्धित AI द्वारा बनाये गये प्रतिष्ठित व्यक्तियों के फेक वीडिय़ो विज्ञापन द्वारा प्रलोभित कर शेयर ट्रेडिंग सम्बन्धित टिप्स देने के लिये WhatsApp ग्रुप पर पीडित को जोड़कर एवं फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड कराते हैं । इन फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप पर शेयर ट्रेडिंग हेतु झांसा देकर, विभिन्न बैंक खातों में पैसा जमा कराते हैं । जब इन ट्रेडिंग से कमाया हुआ पैसा पीडितनिकालने का प्रयास करता है तो विभिन्न टैक्स के नाम पर अतिरिक्त पैसे जमा कराने की कोशिश करते हैं । जब पीडितपैसा नहीं निकाल पाता तब उसे अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड का पता चलता है ।
ऐसे शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड से बचने के लिये शेयर ट्रेडिंग सदैव अधिकृत कम्पनी के माध्यम से ही करें । शेयर ट्रेडिंग हेतु अधिकृत कम्पनी के ही बैंक एकाउण्ट में पैसा जमा करें । प्रत्येक शेयर ट्रेड के बाद सम्बन्धित कम्पनी से शेयर एलॉटमेंट की ईमेल चेक करें । Institutional Account द्वारा कम्पनी से सीधे IPOदिलाने के झाँसे में न आयें ।
साइबर अपराधी वर्क फ्रॉम होम के जरिये घर बैठे पैसे कमाने का लालच देकर Telegram या WhatsApp के माध्यम से विभिन्न प्रतिष्ठानों के Google रिव्यू देने पर पैसे मिलने का लाभ दिखाते हैं । शुरुआत में Google रिव्यू टास्क कराकर कुछ पैसे पीडितको देते हैं, उसके बाद Prepaid Task के नाम पर पैसे जमा करवाते हैं । इस टास्क के माध्यम से कमाये गये पैसे जबपीडितनिकालने का प्रयास करता है तो ये अपराधी और टास्क Complete करने को या पैसा निकालने के लिये विभिन्न टैक्स जमा कराने के नाम पर और अधिक पैसे जमा कराते हैं । पीडितज्यादा पैसा पाने के लालच में टैक्स के नाम पर या टास्क कम्पलीट करने के नाम पर और पैसे जमा करते जाते हैं । पीडितजब पैसे नहीं निकाल पाता तब उसे अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड का पता चलता है ।
ऐसे टेलीग्राम टास्क फ्रॉड से बचने के लिये वर्क फ्रॉम होम के नाम पर टेलीग्राम या व्हाटसएप मैसेज को रेस्पॉन्ड करने से बचें । गूगल रिव्यू के नाम पर प्रीपेड टास्क से बचें । किसी भी अधिकृत कम्पनी द्वारा विभिन्न नाम के बैंक एकाउण्ट का प्रयोग नहीं किया जाता है ।
सेक्सटॉर्सन फ्रॉड में साइबर अपराधियों द्वारा फेसबुक मैसेंजर/व्हाटसअप पर 20 से 65 वर्ष की उम्र के पुरुषों की Profile फोटो देखकर उन्हें टारगेट बनाया जाता है। के माध्यम से चैटिंग की जाती है तथा पीड़ित की समस्त सोशल मीडिया एकाउण्ट की जानकारी कर लेते है । पीडितके मोबाइल पर WhatsApp/फेसबुक मैसेंजर से Video Callलड़कियों से कराते हैं । Video Call पर लड़की अपने कपड़े निकाल देती है तथा इस Video Call की स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर ली जाती है । इसके बाद साइबर अपराधियों द्वारा पीडितको पुलिस अधिकारी/ YouTube अधिकारी बनकर YouTube पर वीडियो वायरल करने तथा पीडितके परिचितों की सोशल मीडिया से डिटेल लेकर उनको भेजने का भय दिखाकर ब्लैकमेल कर पैसे वसूलते हैं।
ऐसे सेक्सटॉर्सन फ्रॉड से बचने के लिये अन्जान लोगों की वीडियो कॉल न उठायें । अपनी निजी जानकारी, फोटो, वीडियो इत्यादि सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचें, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अनजान लोगों से दोस्ती करने से बचें, सोशल मीडिया प्रोफाइल की ‘‘प्राइवेसी सेटिंग्स‘‘ में यह चयन करने का विकल्प देती है कि कौन आपके पोस्ट व फोटो देख सकता है एवं फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज सकता है । इन्हीं सेटिंग्स में “My Friends Only” सेटिंग का चयन कर अनजान लोगों को अपने प्रोफाइल तक पहुँचने से रोकें अगर आपके साथ सेक्सटॉर्सन का साइबर फ्रॉड हो जाता है तो तत्काल पुलिस से शिकायत करें एवं अपराधियों को पैसे न दें ।
साइबर अपराधियों द्वारा पीडितके पास FedEx Courier के नाम से फोन कॉल की जाती है कि आपके नाम से Courier बुक कराया गया है, जिसमें US Dollar, Drugs, Mobile Sim, Fake Passport आदि मिले हैं, जिसकी शिकायत नारकोटिक्स सेल को कर दी गयी है । FedEx Courier वाला नारकोटिक्स सेल वालों को कॉल ट्रांसफर करने का दिखावा करता है । नारकोटिक्स सेल वाला Skype app पर वीडियो कॉल से जुडने के लिये कहकर वीडियो कॉल पर पीडित को ले लेते हैं और उसे Fake पुलिस अधिकारी ID , Arrest Warrant शेयर करते हैं । साइबर अपराधी Skype Video Call पर पीडितको बैकग्राउण्ड में पुलिस थाने का सेटअप दिखाकर पीडितको डराकर उसके अकाउंट की डिटेल लेकर अपने खातों में पैसे ट्रॉस्फर करा लेते हैं । चूँकि इस अपराध के दौरान साइबर अपराधी पीडितको डराकर उसे किसी से सम्पर्क नही करने तथा घर से बाहर नहीं निकलने देते इसलिये इसे मीडिया द्वारा डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है ।
ऐसे फेडेक्स कोरियर / डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड से बचने के लिये कोरियर सम्बन्धित किसी भी अनजान कॉल पर रेस्पॉन्ड न करें , स्काइप वीडियो कॉल से न जुड़ें , बैंक के एकाउण्ट डिटेल न दें । इस तरह की कॉल आने पर पुलिस से तत्काल शिकायत करें ।
साइबर अपराधी पुलिस वाला बनकर पीडितको कॉल कर कहते हैं कि आपका बेटा रेप केस में या बेटी ड्रग्स के केस में फंस गई है । Artificial Intelligence का प्रयोग कर सोशल मीडिया से उसकी आवाज की कॉपी कर उस बच्चे की रोते हुए एवं बचाने की आवाज सुनवाकर पीडितको पूरी तरह झांसे मे ले लेते हैं । पीडितसे साइबर अपराधी कहता है कि अगर तुरन्त पैसे ट्रांसफर कर दो तो वो उसे छोड़ देंगे । पीडितभयवश पैसे ट्रांसफर कर देता है । पीडितको बाद में अपने साथ हुए साइबर फ्रॉड का पता चलता है ।
ऐसे पुलिस थ्रेट फ्रॉड से बचने के लिये इस तरह की कॉल आने पर सबसे पहले अपने बच्चे से सम्पर्क करें इस तरह की कॉल आने पर पुलिस से तत्काल शिकायत करें
पीडितजब गूगल पर किसी कम्पनी/बैंक आदि के कस्टमर केयर का नम्बर सर्च कर कम्पनी/बैंक की अधिकृत बेवसाइट से नम्बर न लेकर अन्य जगह से नम्बर ले लेता है जोकि साइबर अपराधियों का नम्बर होता है । पीडितइन नम्बरों पर कॉल करता है तो साइबर अपराधी उसकी समस्या हल करने के लिए कम्पनी का कस्टमर केयर एप के नाम पर Remote Access App की APK फाइल/ऐप डाउनलोड कराकर मोबाइल का रिमोट कन्ट्रोल एक्सेस ले लेते हैं । पीडितके मोबाइल को हैक कर उसका कन्ट्रोल लेकर उसके मोबाइल बैंकिग का उपयोग कर पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते हैं ।
ऐसे फोन हैक / कस्टमर केयर फ्रॉड से बचने के लिये कस्टमर केयर का नम्बर सदैव अधिकृत बेवसाइट से ही लें । किसी भी अनधिकृत लिंक के माध्यम से कोई भी ऐप डाउनलोड न करें । इस तरह कोई ऐप यदि मोबाइल में डाउनलोड हो जाये तो मोबाइल का इन्टरनेट तुरन्त बन्द कर दें तथा तत्काल पुलिस से शिकायत करें ।
साइबरदोस्त
I4C द्वारा साइबर क्राइम के प्रति लोगों जागरूक करने के लिये साइबरदोस्त ( Cyberdost) के नाम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। Cyberdost से सोशलमीडिया प्लेटफार्म पर जुडने के लिये WhatsApp की Settings में जाकर Updates में Cyberdost को Search करChannel कोFollow करें।इसके अलावा निम्न दिये हुये सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी CyberdostChannel को Follow कर सकते हैं।
साइबर क्राइम होने पर क्या करें