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उत्तर प्रदेश

प्रदेश की 8000 न्याय पंचायतों में ‘शिक्षा का वरदान’ साबित होंगे ‘सीएम मॉडल कॉम्पोजिट स्कूल’

 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सभी की पहुंच सुलभ करने की दिशा में योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में सीएम मॉडल कॉम्पोजिट स्कूल के विकास व स्थापना की प्रक्रिया तेज कर दी है। प्रदेश के 8000 न्याय पंचायतों में स्थापित होने वाले सीएम मॉडल कॉम्पोजिट स्कूल ‘शिक्षा का वरदान’ साबित होंगे।

सीएम योगी का विजन है कि प्रदेश के बेसिक व माध्यमिक स्कूलों को भी भविष्य की जरूरतों के मुताबिक आधुनिक व गुणवत्तापरक संसाधनों से युक्त किया जाए। यही कारण है कि सीएम मॉडल कॉम्पोजिट स्कूल इस कड़ी में मील का पत्थर साबित होंगे। इन स्कूलों की प्रदेश में स्थापना के कार्य में तेजी लाने के लिए विभिन्न विभागीय स्तरों पर तेजी लाने के निर्देश दिए जा चुके हैं।

27 स्कूलों की डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार
सीएम कॉम्पोजिट स्कूलों की प्रदेश में स्थापना की गतिविधियों को लेकर योगी सरकार में उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग हो रही है। हाल ही में मुख्य सचिव ने इससे संबंधित एक बैठक में विभिन्न प्रकार के निर्देश बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग को दिए थे। इन पर क्रियान्वयन शुरू करते हुए अब तक 27 स्कूलों की स्थापना को लेकर डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है।

इन स्कूलों के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेस (उ.प्र जल निगम), उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट् कॉर्पोरेशन लिमिटेड, उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद तथा उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम लिमिटेड समेत सभी कार्यदायी संस्थों को निर्देश भी दिए जा चुके हैं। इन स्कूलों के निर्माण के लिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में जिलाधिकारी स्तर पर रिक्त भूमि के चिन्हांकन की प्रक्रिया है जारी है और परिसर के लिए चिह्नित क्षेत्र के अतिरिक्त रिक्त भूमि का उपयोग कौशल विकास केंद्र, डिजिटल लाइब्रेरी, परीक्षा केंद्र, स्टेडियम आदि के निर्माण में होगा। योजना के अनुसार, प्रत्येक स्कूल के परिसर का निर्माण 10 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में होगा और यह आधुनिक शिक्षण सुविधाओं से युक्त होंगे। इन्हें भूकंप रोधी, ग्रीन एनर्जी इनेबल्ड और एनर्जी एफिशिएंट आर्किटेक्चर के अनुरूप विकसित किया जाएगा।

कई मायनों में खास होंगे सीएम मॉडल कंपोजिट स्कूल
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप विकसित किया जाएगा, जिससे छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा। इन स्कूलों में आधुनिक विज्ञान व गणित प्रयोगशालाओं, स्मार्ट कक्षाओं, कंप्यूटर लैब और एक केंद्रीकृत रसोई जैसी सुविधाएं मिलेंगी। यहां प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं क्लास तक की शिक्षा उपलब्ध होगी जो कि यूपी बोर्ड के करिकुलम पर बेस्ड होगी। इससे प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।

समग्र शिक्षा अभियान व प्रोजेक्ट प्रवीण के जरिए विद्यार्थियों के कौशल विकास पर जोर

– समग्र शिक्षा अभियान के तहत फिलहाल प्रदेश के 600 सरकारी स्कूलों में 96,000 विद्यार्थियों के कौशल विकास पर फोकस किया जा रहा है।

– इसे वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1140 स्कूलों में बढ़ाते हुए 1.5 लाख विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

– प्रोजेक्ट प्रवीण के अंतर्गत 315 सरकारी स्कूलों में 40 हजार विद्यार्थियों को लाभान्वित करने की प्रक्रिया जारी है।

– वित्तीय वर्ष 2025 में इसे प्रदेश के 2000 सरकारी स्कूलों में लागू करते हुए एक लाख विद्यार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

– प्रदेश के 8 जिलों में 8 आईटीआई को स्किल हब के तौर पर विकसित किया जा रहा है जहां विद्यार्थियों को 6 महीने के कोर्सेस के आधार पर ट्रेनिंग उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रक्रिया को अप्रैल 2025 से शुरू किया जा सकता है।

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