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आध्यात्म

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखी

हमारे मंदिर, हमारे मठ, हमारे धाम, ये एक ओर पूजन और साधन के केंद्र रहे हैं तो दूसरी ओर विज्ञान और सामाजिक चेतना के भी केंद्र रहे हैं: प्रधानमंत्री

 

नई दिल्ली/बागेश्वर धाम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि वे इतने कम समय में दूसरी बार बुंदेलखंड आए हैं। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक केंद्र बागेश्वर धाम जल्द ही आरोग्य केंद्र भी बनेगा। उन्होंने कहा कि बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान संस्थान 10 एकड़ क्षेत्र में बनाया जाएगा और पहले चरण में 100 बिस्तरों की सुविधा तैयार होगी। उन्होंने इस नेक काम के लिए धीरेन्द्र शास्त्री को बधाई दी और बुंदेलखंड के लोगों को शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल राजनीतिक नेताओं का एक वर्ग धर्म का उपहास उड़ा रहा है और लोगों को बांटने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि कई बार देश और धर्म को कमजोर करने के लिए विदेशी संस्थाओं से भी ऐसे लोगों को समर्थन मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू धर्म से घृणा करने वाले लोग विभिन्न रूपों में लंबे समय से मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने हमारी मान्यताओं, परंपराओं और मंदिरों पर लगातार हो रहे हमलों को उजागर करते हुए कहा कि ये तत्व हमारे संतों, संस्कृति और सिद्धांतों पर हमला करते हैं। वे हमारे त्योहारों, रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को निशाना बनाते हैं और यहां तक ​​कि हमारे धर्म और संस्कृति की स्वाभाविक प्रगतिशील प्रकृति को बदनाम करने का दुस्साहस करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे समाज को बांटने और इसकी एकता को तोड़ने के उनके एजेंडे के बारे में बताया। इस संदर्भ में उन्होंने धीरेन्द्र शास्त्री के प्रयासों को उजागर किया, जो लंबे समय से देश में एकता के मंत्र के बारे में जागरूकता बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री ने कैंसर संस्थान की स्थापना के रूप में समाज और मानवता के कल्याण के लिए एक और संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप बागेश्वर धाम में अब भक्ति, पोषण और स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे मंदिर, हमारे मठ, हमारे धाम, ये एक ओर पूजन और साधन के केंद्र रहे हैं तो दूसरी ओर विज्ञान और सामाजिक चेतना के भी केंद्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने ही हमें आयुर्वेद का विज्ञान दिया, हमारे ऋषियों ने ही हमें योग का वो विज्ञान दिया, जिसका परचम आज पूरी दुनिया में लहरा रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दूसरों की सेवा करना और उनके दुखों को दूर करना ही सच्चा धर्म है। उन्होंने‘नारायण में नर’ और‘सभी प्राणियों में शिव’की भावना के साथ सभी जीवों की सेवा करने की हमारी परंपरा पर प्रकाश डाला। महाकुंभ के बारे में व्यापक चर्चाओं को देखते हुए, जो करोड़ों लोगों द्वारा भाग लेने, पवित्र डुबकी लगाने और संतों से आशीर्वाद प्राप्त करने के साथ समापन के करीब है, प्रधानमंत्री ने इसे‘एकता का महाकुंभ’बताया और सभी सफाई कर्मचारियों और पुलिस अधिकारियों को उनकी समर्पित सेवा के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान ‘नेत्र महाकुंभ’ भी आयोजित किया जा रहा है, हालांकि इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया है। फिर भी, यहां दो लाख से अधिक नेत्र जांच की गई है, लगभग डेढ़ लाख लोगों को मुफ्त दवा और चश्मा दिया गया है, और लगभग सोलह हजार रोगियों को मोतियाबिंद और अन्य सर्जरी के लिए विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है। प्रधानमंत्री ने हमारे ऋषियों के मार्गदर्शन में महाकुंभ के दौरान होने वाली स्वास्थ्य और सेवा से संबंधित कई पहलों को स्वीकार किया, जिसमें हजारों डॉक्टर और स्वयंसेवक निस्वार्थ भाव से भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ में उपस्थित लोगों ने इन प्रयासों की सराहना की है।

प्रधानमंत्री ने पूरे भारत में बड़े अस्पतालों के संचालन में धार्मिक संस्थाओं की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कई स्वास्थ्य और विज्ञान अनुसंधान संस्थान धार्मिक ट्रस्टों द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं, जो करोड़ों गरीब लोगों को उपचार और सेवा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम से जुड़ा बुंदेलखंड का पवित्र तीर्थ स्थल चित्रकूट दिव्यांगों और रोगियों की सेवा का एक प्रमुख केंद्र था। उन्होंने इस बात पर भी प्रसन्नता व्यक्त की कि बागेश्वर धाम स्वास्थ्य का आशीर्वाद देकर इस गौरवशाली परंपरा में एक नया अध्याय जोड़ रहा है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि दो दिन बाद महाशिवरात्रि पर 251 बेटियों का सामूहिक विवाह समारोह होगा। प्रधानमंत्री ने इस नेक पहल के लिए बागेश्वर धाम की सराहना की और सभी नवविवाहित जोड़ों और बेटियों को भविष्य के सुखद जीवन के लिए हार्दिक बधाई और आशीर्वाद दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कैंसर हर जगह एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है; सरकार, समाज और संत सभी कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हैं। उन्होंने किसी को कैंसर का पता चलने पर ग्रामीणों के सामने आने वाली कठिनाइयों पर टिप्पणी की। उन्होंने शुरुआती पहचान की कमी और बुखार तथा दर्द के लिए घरेलू उपचार पर निर्भर रहने की प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला, जिसके परिणामस्वरूप स्थिति बिगड़ने पर देर से निदान होता है। प्रधानमंत्री ने कैंसर के निदान की बात सुनकर परिवारों में व्याप्त भय और भ्रम के बारे में बताया, जिसमें से कई को केवल दिल्ली और मुंबई में उपचार केंद्रों के बारे में पता है। उन्होंने इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर दिया, जिसमें कैंसर से निपटने के लिए इस साल के बजट में कई घोषणाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे कैंसर की दवाओं को और अधिक किफायती बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अगले तीन वर्षों में हर जिले में कैंसर डेकेयर सेंटर खोलने की घोषणा की। ये केंद्र निदान और राहत देखभाल दोनों सेवाएं प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री ने उपचार तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए जिला अस्पतालों और स्थानीय मोहल्लों में चिकित्सा केंद्रों में कैंसर क्लीनिक खोलने के बारे में भी बताया।

प्रधानमंत्री ने कैंसर से बचाव के लिए सतर्क और जागरूक रहने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि समय रहते इसका पता लगाना बहुत जरूरी है, क्योंकि एक बार कैंसर फैल जाए तो उससे निपटना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने 30 वर्ष से अधिक आयु के सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग के लिए चल रहे अभियान पर प्रकाश डाला और सभी से इसमें भाग लेने और लापरवाही से बचने का आग्रह किया। उन्होंने किसी भी तरह का संदेह होने पर तुरंत कैंसर की जांच कराने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कैंसर के बारे में सही जानकारी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह कोई संक्रामक बीमारी नहीं है और छूने से नहीं फैलती है। उन्होंने कहा कि बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू और मसालों के सेवन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और इन पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने सभी से अपने शरीर और स्वास्थ्य का ध्यान रखने और किसी भी तरह की लापरवाही से बचने के लिए इन सावधानियों को पूरी लगन से अपनाने का आग्रह किया।

अपने संबोधन के समापन पर प्रधानमंत्री ने बुंदेलखंड को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकारों के अथक प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि बुंदेलखंड समृद्धि और विकास के पथ पर आगे बढ़ता रहेगा और सभी को शुभकामनाएं दीं। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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