नई दिल्ली। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार); पृथ्वी विज्ञान तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज “मौसम भवन” में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की 150 वर्षों की उपलब्धियों की यात्रा को दर्शाने और उसका उत्सव मनाने वाले भारत के पहले “ओपन एयर आर्ट वॉल म्यूज़ियम” का उद्घाटन किया।“दिल्ली स्ट्रीट आर्ट” के सहयोग से विकसित की गई यह पहल, लोधी रोड पर स्थित आईएमडी के मुख्यालय की दीवारों को भारत की मौसम संबंधी प्रगति, इतिहास और समाज पर मौसम विज्ञान के प्रभाव की एक जीवंत दृश्य कथा में बदल देती है।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने समय पर और सटीक मौसम पूर्वानुमान प्रदान करके भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में आईएमडी के स्थायी योगदानों की सराहना की। उन्होंने कहा, “150 वर्षों से, भारत मौसम विज्ञान विभाग गतिशील जलवायु की चुनौतियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का लाभ उठाते हुए, मौसम संबंधी अनुसंधान में अग्रणी रहा है। यह कलात्मक प्रयास मौसम विज्ञान की कहानी के साथ दृश्यात्मक रूप से जनता को जोड़कर आईएमडी की पहुंच को और बढ़ाता है।””मौसम भवन” की विशेष कला प्रदर्शनी में भारत के मौसम संबंधी इतिहास, मौसम संबंधी पूर्वानुमान के विकास और कृषि, आपदा प्रबंधन एवं रोजमर्रा की जिंदगी पर इसके प्रभाव को दर्शाने वाले 38 अनूठे भित्ति चित्र शामिल हैं। ये कलाकृतियां महत्वपूर्ण मौसम संबंधी घटनाओं, उपग्रहों एवं रडार जैसी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति और चक्रवात, मानसून एवं चरम मौसम की स्थिति के लिए प्रारंभिक चेतावनियों के माध्यम से जीवन की सुरक्षा में आईएमडी की भूमिका को दर्शाती हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि मौसम विज्ञान से संबंधित आईएमडी के अग्रणी प्रयासों ने न केवल आपदा संबंधी जोखिम को कम करने में योगदान दिया है, बल्कि विशेष रूप से कृषि, विमानन और समुद्री उद्योगों जैसे क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “आईएमडी के पूर्वानुमानों की सटीकता एवं समयबद्धता ने जलवायु संबंधी अनिश्चितताओं के खिलाफ भारत को और अधिक सुदृढ़ बनाते हुए किसानों, मछुआरों एवं नीति निर्माताओं को सूचित निर्णय लेने हेतु सशक्त बनाया है।”
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह कलात्मक पहल सार्वजनिक जुड़ाव के प्रति आईएमडी के रचनात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है। उन्होंने कहा, “कला के माध्यम से वैज्ञानिक ज्ञान प्रस्तुत करके, हम दैनिक जीवन में मौसम विज्ञान के महत्व के बारे में अधिक जागरूकता बढ़ा सकते हैं।”
ये भित्ति चित्र कालिदास के मेघदूत और तानसेन, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने अपने रागों से मौसम को प्रभावित किया था, की प्रसिद्ध संगीत प्रतिभा जैसे ऐतिहासिक संदर्भों को शामिल करके भारत की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विरासत को भी श्रद्धांजलि देते हैं। अन्य पैनल भारत के विविध जलवायु क्षेत्रों, मौसम से जुड़े सुरक्षा संबंधी दिशानिर्देशों और मौसम विज्ञान के वैज्ञानिक विकास को दर्शाते हैं।
दिल्ली स्ट्रीट आर्ट की निदेशक मयूरी सैनी ने आईएमडी की विरासत में योगदान करने के अवसर के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह परियोजना सिर्फ एक कला की प्रदर्शनी से कहीं अधिक है; यह आईएमडी की यात्रा और प्रत्येक नागरिक के जीवन पर इसके प्रभाव के प्रति एक श्रद्धांजलि है। यह हमारे संस्थापक श्री योगेश सैनी की स्मृति का भी सम्मान है, जिनका कला के माध्यम से शहरी परिदृश्य को बदलने का जुनून हमें प्रेरित करता रहता है।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात को दोहराया कि सरकार अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे में निरंतर निवेश के साथ भारत की मौसम संबंधी क्षमताओं को मजबूत करने के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने एक ऐसी पहल शुरू करने में आईएमडी के वैज्ञानिकों और कलात्मक टीम के प्रयासों की सराहना की, जो न केवल लोगों को शिक्षित करती है बल्कि प्रेरित भी करती है।