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ई-कंटोनमेंट सहित परिवर्तनकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म छावनी प्रशासन को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं: रक्षा राज्य मंत्री

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, ई-कंटोनमेंट जैसे परिवर्तनकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म छावनी प्रशासन को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं। यह बात रक्षा राज्य मंत्री  संजय सेठ ने 16 दिसंबर, 2024 को नई दिल्ली में रक्षा संपदा महानिदेशालय (डीजीडीई) द्वारा आयोजित रक्षा संपदा दिवस समारोह में कही।

इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री ने ई-कंटोनमेंटपोर्टल पर फ्रीहोल्ड संपत्ति म्यूटेशन मॉड्यूल का उद्घाटन किया, जो कि एक नागरिक-केंद्रित सॉफ्टवेयर है जो छावनी बोर्ड के निवासियों के लिए ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि ये डिजिटल पहल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करती हैं, और निवासियों को संपत्ति कर भुगतान, पानी और सीवरेज कनेक्शन, व्यवसाय लाइसेंसिंग और शिकायत निवारण, लीज नवीनीकरण जैसी 14 प्रमुख सेवाएं ऑनलाइन प्रदान करती हैं।  संजय सेठ ने कहा कि छावनी बोर्ड अब 04 पूरी तरह से स्वचालित सेवाएं प्रदान कर रहा है, जिसमें स्वजल, व्यापार लाइसेंस का स्वतः जारी होना, सामुदायिक हॉल बुकिंग, जीआईएस आधारित सीवरेज कनेक्शन और ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान स्वीकृति शामिल हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि विभाग की उल्लेखनीय डिजिटल यात्रा को रक्षा भूमि के माध्यम से भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, ई-रक्षा पोर्टल की स्थापना में देखा जा सकता है जो अतिक्रमण के मामलों से निपटने में प्रभावी रहा है।

डीजीडीई की यात्रा के बारे में बात करते हुए रक्षा राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस वर्ष को छावनी प्रशासन के लोकतंत्रीकरण की शताब्दी के रूप में मनाया जा रहा है, जिसकी शुरुआत छावनी अधिनियम, 1924 के अधिनियमन के साथ हुई थी।

रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि रक्षा संपदा सेवा ने देश की बदलती जरूरतों के हिसाब से खुद को ढालकर शासन के बदलाव में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहाकि ब्रिटिश राज के दौरान सैन्य भूमि के प्रबंधन से लेकर भारत की सुरक्षा और शहरी विकास में योगदान देने तक, इसने लगातार नवाचार को अपनाया है और प्रगति की है। संजय सेठ ने स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वच्छता के साथ-साथ सार्वजनिक सेवा और भूमि प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचार और डिजिटल उपलब्धियों के लिए उत्कृष्टता के लिए रक्षा मंत्री पुरस्कार भी प्रदान किए।

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