गाजियाबाद। भार्गवी ठाकुर ने न्यूयार्क शहर के ‘ब्रूकलिन बैठक’ द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में अपना गायन प्रस्तुत किया। राग बागेसरी में उनके गायन, ‘कौन करत तोरी बिनती पियरवा’ ने दर्शकों को मंत्र मुगध कर दिया, उनके आलाप और गमक से दर्शक झूम उठे। पिछले दो वर्षों से शिकागो शहर में कई बड़े समारोहों – साउथ एशियाई म्यूजिक सोसाइटी , विवेकानंद वेदांत सोसाइटी, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो , बॉलीवुड पंक बैंड – डू द नीडफुल में प्रसिद्धि हासिल करने वाली भार्गवी ठाकुर का शिकागो से बाहर न्यू यॉर्क शहर में यह पहला कार्यक्रम रहा जो बेहद सफल रहा।

यह एक बेहद गर्व का विषय है कि तीन वर्ष की छोटी उम्र से शास्त्रीय संगीत सीख रही भार्गवी आज भारत से सात समंदर पार अमरीका की धरती पर शास्त्रीय गायन में अपना और भारत देश का परचम लहरा रही है. भार्गवी ठाकुर ने श् ख्याल संगीत श् गायकी विधा में अपनी शाख बनायीं है। गांधर्व महाविद्यालय से शिक्छित, शृजना सतीश , प्याली सरकार और देवजानी धर की शिष्या रही भार्गवी अभी वर्त्तमान में दरभंगा घराने के डॉ सुमीत आनंद जी से संगीत गायन की उच्च शिक्छा ले रही है। सन 2022 में, यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से , मास्टर ऑफ पब्लिक पालिसी का दो वर्ष का कोर्स पूरा करने के बाद भार्गवी, स्वास्थ्य संगठन, एलायंस में अनुसंधान विश्लेषक के पद पर शिकागो में कार्यरत है। इसके पूर्व, भार्गवी जो मूलतः बिहार के मिथिला प्रदेश से हैं, इंदिरापुरम , गाजियाबाद में रहते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और अशोका यूनिवर्सिटी से भारत में सन 2020 में पढाई पूरी की है।